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जब भी हम कोई ऐप डाउनलोड करते हैं तो वो हमसे कुछ पूछता है जिसे हम बिना टाइम वेस्ट किये एग्री कर देते हैं। असल में होता ये है कि अब 10-12 और कई बार 60 पन्नों के टर्म और कंडीशन पढ़ने का किसी के पास समय नहीं होता। और अगर किसी को अपना मनपसंद ऐप डाउनलोड करना है अतो हर शर्त माननी ही पड़ती है।
कहीं न कहीं हम सामने वाली कंपनी पर इतना भरोसा करते हैं कि वो हमारी पर्सनल इनफॉर्मेशन का कोई गलत इस्तेमाल नहीं करेगा। लेकिन हर कोई कोडर तो होता नहीं है जो इस बात की जांच कर सके। तो दोस्तों मैक डॉनल्ड हमारा भरोसा तोड़ रहा है और हमें डरने की ज़रुरत है।
आप में से बहुत से लोगों ने मेक डॉनल्ड का ऐप डाउनलोड किया होगा जिससे कि होम डिलिवरी करवाना आसान हो। जब आप ये ऐप डाउनलोड करते हैं तो ये आपसे आपकी सारी निजी जानकारी मांगता है। ऐसे में आप इसे अपना ईमेल, घर का पता, फ़ोन नंबर आदि सब ख़ुशी-ख़ुशी दे देती हैं। लेकिन क्या आपको पता है कि आपकी इस जानकारी तक दूसरे लोग भी पहुंच सकते हैं?
एक हैकरनून ब्लॉग के अनुसार मैक डॉनल्ड इंडिया करीब 2।2 करोड़ लोगों की जानकारी लीक कर रहा है। वो ये जानबूझ कर नहीं कर रहे बल्कि गड़बड़ी उनके सिस्टम में है। मैक डॉनल्ड पर ये आरोप भी है कि उन्हें करीब 1 महीने पहले ही इसकी जानकारी हो गई थी लेकिन इसके बावजूद उन्होंने अबतक कुछ नहीं किया है।
ये मोबाइल ऐप तक कोई भी पहुंच सकता है। ये पब्लिकली एक्सेसिबल है। कोडिंग की मदद से कोई भी आपके डाटा तक पहुंच सकता है। इस स्क्रीनशॉट में ये साफ़ देखा जा सकता है कि इसमें एक यूज़र की सारी जानकारी है जैसे उसका नाम, फ़ोन नंबर, घर का पता, डेट ऑफ़ बर्थ आदि।
भारत में डाटा संबंधी कानूनों की भारी कमी है। अगर यही बात अमेरिका में सामने आई होती तो अब तक संबंधित लोगों को सज़ा भी हो चुकी होती। मगर ये भारत है और यही वजह है कि मैक डॉनल्ड अभी तक आराम से बैठा हुआ है।