नवाज़ुद्दीन सिद्दिकी ऐसे ही स्टार नहीं बन गए हैं। खूब पापड़ बेला है उन्होंने अपनी ज़िन्दगी में। ये बॉलीवुड पहुंच के उसके बाद पापड़ झेलने वाली बात नहीं कर रहा हूं। उसके पहले भी खूब पापड़ बेल चुके हैं।
रहने वाले हैं, उत्तर प्रदेश के मुज़फ्फरनगर के बुढ़ाना गांव के। 9 भाई बहन थे पूरे। केमिस्ट्री में ऑनर्स किया। फिर कहीं केमिकल फैक्ट्री में कुछ दिन काम भी किया। बीच-बीच में जब घर आते तो कभी-कभार मौका मिलता तो खेती-बारी भी करते ही थे।
sourceफिर नौकरी छोड़ के दिल्ली पहुंच गए। पता नहीं कहां पहुंचने का इरादा था। यहां पहुंच के सेक्योरिटी गार्ड का भी नौकरी किए। बाद में एनएसडी(NSD) में एडमिशन मिल गया तो वहां से एक्टिंग सीखा। और फिर पहुंच गए मुंबई। वहां भी कई साल तक धक्के खाए। और फिर अंतिम में जब छोटा-मोटा काम मिलने लगा तो उसी से अपनी ऐसी पहचाना बनाई की आज पूरा हिन्दुस्तान दीवाना है।
sourceलेकिन इतना कुछ होने के बाद भी नवाज़ अपनी मिट्टी से अलग नहीं हुए। अभी भी जब घर पहुंचते हैं तो खेत में उतर जाते हैं। ट्रेक्टर लेके। कहते हैं। ये काम हमारा पुश्तैनी काम है।
और कहते हैं, 20 साल तक मैंने ये काम किया है। इसे ऐसे कैसे छोड़ दूं। उसी की कुछ फोटो उन्होंने सोशल मीडिया पर शेयर किया है। वो हम उठा लाए आपके लिए।
ये किसी फिल्म की शूटिंग नहीं चल रही है। ये नवाज़ अपने खेत में सरसों बो रहे हैं। अभी कुछ दिन पहले वो कान फिल्म फेस्टिवल गए थे। वहीं से वो सेंट्रल पाइवोट सिस्टम से खेती सीख कर आए थे। जिसको वो अपने खेत में लगा कर देख रहे थे। साथ ही कुछ गांव वालों को भी सेंट्रल पाइवोट सिस्टम के बारे में बताया।
हमारे यहां तो लड़के गांव से शहर जा के एक नौकरी कर लेते हैं तो घर पहुंच के बोकराती झाड़ने लगते हैं। और एक ये आदमी है चाहे तो बिना गांव गए भी इसकी ज़िन्दगी आराम से कट सकती है। लेकिन अब भी ये अपनी विरासत बचाने में लगा है। सलाम है इस कलाकार को और साथ ही देश के इस आम नागरिक को भी।