विस्तार
क्रिकेट अनिश्चितताओं का खेल है और खेल जब जीवन बन जाए तो जीवन में भी अनिश्चितता अपनी जगह बनाने लगती है। क्रिकेट में हमने बहुत कुछ ऐसा सुना जिसको जानने के बाद दुख हुआ लेकिन इस बार जो हुआ उससे भारतीय क्रिकेट के भविष्य को भी झटका लगा है। जिस क्रिकेटर की तुलना क्रिकेट के भगवान सचिन तेंदुलकर से की जा रही थी उस खिलाड़ी ने क्रिकेट को ही अलविदा कर दिया।
पिछले साल अंडर 16 में नाबाद 1009 रनों की पारी खेलकर प्रणव धनावड़े ने क्रिकेट के मैदान में सनसनी मचा दी थी। लेकिन अब जानकारी मिल रही है कि उन्होंने क्रिकेट छोड़ने का मन बना लिया है। प्रणव के पिता ऑटो चलाते हैं, गरीब बैकग्राउंड से आकर दुनिया में अपना नाम रौशन करने वाले प्रणव को कई तरह के सम्मान से नवाजा गया । मुंबई क्रिकेट एसोसिएशन ने उन्हें हर महीने 10 हजार रुपये स्कॉलरशिप का भी ऐलान किया था। ताकि वो अपने खेल के साथ साथ पढ़ाई भी जारी रख सकें।
प्रणव ने खराब फॉर्म के आगे घुटने टेक दिए। लगातार खराब फॉर्म से प्रणव इतने परेशान हुए कि खेलना ही बंद कर दिया। साथ ही अपनी स्कॉलरशिप को भी बंद करने का आग्रह किया है। प्रणव के पिता ने स्कॉलरशिप को जारी रखने के लिए लेटर लिखा तो एमसीए ने जवाब दिया कि जब प्रणव शानदार फॉर्म में वापस आएगा उसकी स्कॉलरशिप फिर से शुरू कर दी जाएगी।
प्रणव के कोच इस गिरावट के पीछे चमचमाती सुर्खियों और लोगों की आलोचना को दोषी बता रहे हैं। प्रणव के कोच का कहना है कि सुर्खियों में आने के बाद उसका ध्यान खेल से भटका। और जब उसने वापसी की कोशिश की तो उसकी आलोचना जबरदस्त तरीके से होने लगी। इससे उसका मनोबल टूट गया और सितारा चमकने से पहले ही टूट गया।
1009 का स्कोर बनाने के बाद प्रणव का परफॉरमेंस लगातार गिरता चला गया। महाराष्ट्र की अंडर 16 टीम से बाहर निकाले जाने के बाद प्रणव बेंगलुरू चले गये लेकिन वहां भी खराब फॉर्म परेशान करती रही। वहां से लौटे तो उन्हें एक मैच के दौरान प्रैक्टिस करने से भी रोक दिया गया। जिसके बाद प्रणव ने क्रिकेट छड़ने का फैसला किया लेकिन उनके कोच को उम्मीद है वह जल्दी ही फॉर्म में लौटेंगे।