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एक खोपड़ी और दो हड्डियों वाला साइन आपने कई जगह देखा होगा। ये खतरे का निशान होता है और हर उस जगह पर इस्तेमाल किया जाता है जिससे लोगों को नुक्सान पहुंच सके। ये उन सभी पदार्थों पर भी होता है जिसमें ज़हर होता है। ये सभी जानलेवा पदार्थ आपको बहुत नुक्सान पहुंचा सकते हैं।
लेकिन क्या आपने कभी सोचा है कि आलू भी किसी की जान ले सकता ही? सोच कर अजीब लगता है न, लेकिन ये सच है।
ये 2014 की घटना है। एक परिवार ने अपने घर के सेलर में आलू रखे हुए थे। सेलर एक ऐसा कमरा होता है जो ज़मीन के नीचे होता है और आमतौर पर यहां कोएला और वाइन रखी जाती है। मारिया चेल्शेवा सिर्फ़ 8 साल की थीं जब उनके घर में ये दुर्घटना घटी। उनके परिवार ने सोचा कि घर में आलू बनने चाहिए।
पहले मारिया के नीचे सेलर में गए लेकिन वो वहां बेहोश हो गए। जब वो नहीं लौटे तो मारिया की मां अंदर गईं उनके साथ भी वही हुआ, फिर उनके भाई और दादी भी वहां गए। इन चारों लोगों की वहीँ मौत हो गई।
असल में हुआ ये था कि वहां रखे कुछ आलू बुरी तरह सड़ चुके थे। उनमें से एक हानिकारक केमिकल ग्लाइकोलकेलोइड रिस रहा था। ये इतना ख़तरनाक था कि इसके सांस के माध्यम से शरीर के अंदर जाते ही सभी की जान चली गई।
इत्तेफाक से मारिया की दादी ने नीचे सेलर में जाने से पहले पड़ोसियों को बुला लिया था। साथ ही उन्होंने दरवाज़ा भी खुला छोड़ दिया था इसलिए जब तक मारिया नीचे पहुंची काफ़ी गैस बाहर निकल चुकी थी इसलिए वो बच गईं।
सोचिये कुछ सड़े हुए आलुओं ने एक पूरे परिवार की जान ले ली और एक बच्ची अकेली हो गई। अगर आप भी अपने घर में अधिक मात्रा में आलू आदि रखते हैं तो समय-समय पर उन्हें जांच लेना चाहिए जिससे इस तरह की कोई घटना न हो।