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दुनिया भर में तमाम अभियानों और प्रचारों के बावजूद सिगरेट की न खपत कम नहीं हो रही। हालांकि शुरू में लोग इस शौक-शौक में पीते हैं, लेकिन बाद में ऐसी लत लग जाती है कि बिना इसे मुंह लगाए और धुएं के छल्ले उड़ाए किसी काम में मन ही नहीं लगता है। लेकिन जो लो सिगरेट नहीं पीते हैं उनको इसका धुआं जहर समान लगता है। जर्मनी में भी ऐसा ही हुआ। पड़ोसियों ने सिगरेट पीने वाले शख्स पर मुकदमा ठोंक दिया।
मामला अदालत में पहुंचा तो सुनवाई के दौरान जज साहब भी उलझन में फंस गए कि फैसला सुनाएं तो क्या?
आखिर में जज साहब ने सिगरेट पीने वाले आरोपी के लिए सिगरेट पीने का एक सहूलियत भरा टाइम टेबल बनाना ही बेहतर समझा
आरोपी डिर्क और एंड्रिया डी के लिए जज स्टीवन केंसी ने अपने सुनाए फैसले में सुबह 6 से 9, दोपहर में 12 से 3, शाम में 6 से 9 और आधी रात में 3 बजे का वक्त खुले आंगन में सिगरेट पीने के लिए मुकर्रर कर दिया।
जज ने कहा कि पड़ोसी आरोपी स्मोकर्स से इस टाइम टेबल के हिसाब से तालमेल बैठा लें ताकि किसी को कोई परेशानी न हो!
टेलीग्राफ की खबर के मुताबिक जज ने कहा कि उन्होंने दोनों पक्षों के बीच संतुलन बनाने के लिए ऐसा फैसला किया है।
उधर, डिर्क और एंड्रिया डी को यह बात हजम ही नहीं हो रही है कि उनके पड़ोसी ऐसा भी मुकदमा ठोंक सकते हैं और उस पर जज उनके सिगरेट पीने का समय निर्धारित कर देंगे।