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लफंगई और पढ़ाई के बीच में एक बारीक फर्क होता है, इसे समझने वाले ही 12वीं क्लास की दहलीज को बाइज्जत पार कर पाते हैं। जो लोग धकिया कर 12वीं की दीवार को लांघ पाते हैं उनमें से ज्यादातर को इस बात का एहसास हो जाता है कि पढ़ाई लिखाई अपने बस की नहीं, धंधा-पानी और नौकरी-शौकरी की जाए… बस, इस फैसले के बाद ऐसे लोगों की जिंदगी में जो कुछ भी बुरा होता है उसमें एक मलाल इन बिल्ट होता है… कि काश ग्रेजुएशन कर लिया होता। ऐसे लोगों के मलाल का रामबाण इलाज बन कर सामने आई है सेलरी इंडेक्स… जो बताती है कि 12वीं करके नौकरी करने वाले, ग्रेजुएशन करने वालों से ज्यादा समझदार हैं।
ये वाक्य कई लोगों को कटाक्ष लग सकता है लेकिन ये सिर्फ रिपोर्ट का एक हिस्सा है। जॉब और करियर पोर्टल मॉन्सटर की तरफ से जारी की गई सैलरी इंडेक्स में ये तथ्य सामने आएं हैं कि पिछले 3 सालों में ग्रैजुएट लोगों की सैलरी 37% घटी है जबकि 12वीं पास करके नौकरी करने वालों की सैलरी में 9% का इजाफा हुआ है।
प्रतिशत वाली भाषा में समझें, तो 12वीं पास, ग्रैजुएट से 46% ज्यादा फायदे में है। हालांकि पोस्ट ग्रैजुएट वालों को थोड़ी इज्जत दी गई हैं, पिछले 3 सालों में उनकी सैलरी में 5% का इजाफा हुआ है। मतलब फायदे में रहना है तो... ढंग से पढ़ों या फिर न पढ़ो…
नई सरकार ने देश में आते ही मेक इन इंडिया का शेर छोड़ दिया, जो जहां-तहां दिखने लगा है, लेकिन दहाड़ने से ज्यादा हांफता ज्यादा दिखाई दे रहा है।
इंडेक्स के मुताबिक मैन्युफैक्चरिंग सेक्टर में औसत वेतन सबसे कम हो गया। यहां औसत वेतन प्रति घंटा 211.7 रुपये है, जबकि बैंकिग और फ़ाइनेंशियल सेक्टर में औसत वेतन 433 रुपये प्रति घंटे है।
मैन्युफैक्चरिंग सेक्टर में बेटी बचाओ और बेटी पढ़ाओ मिशन का भी दम घुटता दिखाई दे रहा है। इंडेक्स के मुताबिक इस सेक्टर में महिलाओं की सैलरी, पुरुषों के मुकाबले 30 प्रतिशत से भी कम है। मतलब बेटियां काम करने में कंधा से कंधा मिलाकर चल सकती हैं लेकिन सैलरी के मामले में 30 प्रतिशत कम।
किस सेक्टर में कितनी औसत सैलरी है, ये जानने के लिए एक टीम इसका अध्ययन करती है, डिजिटल मीडियम पर किए गए एक सर्वे के आधार पर नौकरी देने और लेने… दोनों लोगों के मन को टटोला जाता है, जिसे आंकड़ों के रुप में ढालकर पेश किया जाता है। इस बार तैयार की गई इंडेक्स पिछले 3 सालों में 8 सेक्टर्स में मिलने वाली सैलरी के आधार पर तैयार की गई है। जिसमें टॉप पर बैंकिंग और फाइनेंशियल सेक्टर हैं (433), दूसरे नंबर पर आईटी सर्विस (386.8), तीसरे पायदान पर कंस्ट्रक्शन (288.7), चौथे पर लीगल और मार्केट सर्विसेज (277.9), पांचवे पर ट्रांस्पोर्ट और लॉजिस्टिक (257.4), छठवें पर हेल्थकेयर (242.5), सांतवें पर एजुकेशन एंड रिसर्च (242) और आंठवें पर मैन्युफैक्चरिंग (211.7) सेक्टर आता है।