2000 और 500 के नए नोट आ गए। पुराने 500 और 1000 के नोट मृत्यु को प्राप्त हुए। इसके बाद तो फेसबुक और वाट्स एप्प पर जो मातम पसरा। कसम से लाइन लगने के बाद लोग इतने दुखी नहीं थे। जितना वो फेसबुक और वाट्स एप्प पर हुए जा रहे थे।
पहले ये खबर सुनिए फिर आगे की बात...
एक आदमी बैंक जाता है। अपने अकाउंट से पैसे निकालता है। 5 नोट 2000 के। माने पूरे 10000 रुपए कर्रे। लेकिन हो गया झोल। झोल कैसा? उसमें से एक नोट चला नहीं। क्यों नहीं चला? तो नोट हाथ में आते ही जरा सा पकड़ते ही। चुरचुरा के टूट रहा था। चुरचुरा के टूटने का मतलब होता है। नोट एकदम भुर्री जैसा भरकने लगे।
केस हुआ है। केरल में। आदमी परेशान। अब फिर से लाइन में लग गए बेचारे।
8 नवंबर के बाद यानि कि जब से नोट बैन हुआ। उसके बाद जैसी-जैसी खबरें आ रही हैं न। कसम से आदमी का दिमाग ही पगला जाए।
आलम, आलम ये था कि लोगों का दिमाग भी साथ ही साथ में भ्रष्टा गया। एकदम सब माटी-पलीत हो गया। और ये खाली नए लोगों की बात नहीं। बड़े-बड़े मीडिया हाउस में काम करने वाले लोगों तक का भी वीडियो आया था। जो एकदम ऐसे बात कर रहे थे जैसे सही में नोट में कोई परमाणु बम छिपा दिया गया हो। और तो और एक जगह प्राइम टाइम में शो करने वाले भाई साहब ने। जो खुद को देशभक्ति का सबसे बड़ा दुकानदार समझते हैं। ऊ तो भैया पूरा इसका नार्को टेस्ट ही कर दिए। नोट में परमाणु बम है। चिप से चलेगा। जमीन में खुद ही सुरंग खोद लेगा। फिर पाकिस्तान में घुस के ब्लास्ट हो जाएगा। फिर क्या सच और क्या झूठ ये सबको पता चल ही गया।