आपको शोले का वो सीन तो याद होगा ही, जब चिलचिलाती धूप में बसंती को अपने प्यार वीरू को बचाने के लिए नाचना पड़ा था। फिल्म में उस वक्त गब्बर ने कहा था... जब तक तेरे पैर चलेंगे, तेरे आशिक की सांसे चलती रहेंगी... कुछ ऐसा ही ऑपरेशन बेंगलुरु के एक शख्स का हुआ। 32 साल का टेकी अपने ऑपरेशन के दौरान गिटार बजा रहा था और उसके गिटार की धुन पर डॉक्टरों का दिमाग चल रहा था।
सुनने में भले अजीब लगे लेकिन ऐसा हुआ। दरअसल बेंगलुरु के टेकी के न्यूरोजिकल डिसऑर्डर का इलाज चल रहा था। मीडिया रिपोर्ट्स के मुताबिक डेढ़ साल पहले टेकी जब गिटार बजा रहा था तभी उसकी मांसपेशियों में दर्द हुआ और वो बीमार हो गया। उसी डिसऑर्डर को तलाशने के लिए डॉक्टरों ने एक रास्ता इजाद किया। ऑपरेशन टेबल पर टेकी को लिटाया गया तो उसको गिटार थमा दिया गया, वो गिटार बजाता रहा और डॉक्टर उसकी परेशानी की नब्ज को पकड़ने में कामयाब हो गए। सात घंटे लंबे चले ऑपरेशन के बाद टेकी बिल्कुल ठीक है।
बताया जाता है कि ये एक प्रकार की बीमारी है जिसे डायस्टोनिया कहा जाता है। ऑपरेशन के दौरान उसकी मांसपेशियों को झटके दिए जा रहे थे। डॉक्टर्स के मुताबिक इस परेशानी का इलाज उस मांसपेशी को जलाकर ही किया जा सकता है, जहां से इस परेशानी का जन्म हुआ। इसलिए टेकी से गिटार बजवाया गया ताकि उस खास मांसपेशी को ही जलाया जाए, ये रिस्कफुल सर्जरी थी जिसे सफलतापूर्वक कर लिया गया। इस म्यूजिकल ऑपरेशन की चर्चा सोशल मीडिया पर भी काफी हो रही है।