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पुराने नोटों को गला कर बन रहा है, प्लाईवुड!

Shivendu Shekhar/firkee.in Updated Fri, 02 Dec 2016 06:43 PM IST
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नोट बैन
नोट बैन - फोटो : NDTV
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नोट बंदी को तीन हफ्ते बीत चुके हैं। अब चौथा हफ़्ता शुरू हो चुका है। बैंकों की हालत जो सुधरने की बात थी। जो इस हफ्ते और बिगड़ ही रही है। क्या? नहीं बिगड़ रही? एक काम करो गुरु जाई के तनिक बैंक की लाईन में लग के देखो। और जो वहां जाने का बखत नहीं मिल रहा हो तो तनिक एटीएम में ही लग के देख लें। मार हो रहा है। हर रोज। बिल्डिंग के बाहर वाले एटीएम में रोज रात यही बवाल कट रहा है। खैर, जो होना था सो हुआ। अब सुनिए काम की बात। 

जिस पैसे के लिए दिन रात एक करके आप भाग दौड़ रहे थे। गलती से भीग जाए तो दो-दिन तक हाथ में प्रेस लिए बैठे रहते थे। उन नोटों का हो क्या रहा है। अभी तक आरबीआई के पास। 8 ट्रिलियन पुराने 500 और 1000 के नोट जमा हो चुके हैं। 8 ट्रिलियन का मतलब जानते हैं। मतलब होता है लगभग 8 लाख करोड़। मुश्किल ये था कि इन नोटों का हो क्या। 


 


अभी तक आरबीआई इन नोटों को जलाने और डंप करने के बारे में सोच रही थी। लेकिन केरल के आरबीआई ब्रांच ने इसका एक और उपाय ढूंढ लिया है। वो अब इन नोटों को एक हार्डबोर्ड बनाने वाली कंपनी को दे रहे हैं। जो इन्हें लकड़ी की भूसी के साथ मिला के जमा देंगे। और ये बोर्ड बन जाएगा। 

हां, आपके दिमाग में चल रहा होगा कि कंपनी कहीं नोटों को अपने कारीगरों में बांट दे तब क्या होगा? तो लल्ला आरबीआई वाले इतने बेवक़ूफ़ नहीं  हैं। वो नोटों को पहले रद्दी बना दे रहे हैं। इसके बाद उसे फैक्ट्री वालों को दिया जा रहा है। 

कंपनी का नाम है। वेस्टर्न इंडिया प्लाईवुड। बहुत ही पुरानी कंपनी है। इनके एमडी का कहना है कि शुरू में बहुत दिक्कत जा रही थी। क्योंकि नोटों का जो पेपर होता है। उसे पल्प बनाना बहुत मुश्किल था। लेकिन कंपनी के इंजीनियर लोगों ने रास्ता ढूंढ निकाला। होते ही खुराफ़ाती हैं ये इंजीनियर। लिख के रख लो कांग्रेस पार्टी का ट्विटर अकाउंट हैक करने वाला भी इंजीनियर ही होगा। 


खैर, आप लाइन में लगिए। भारत मात की जय बोलिए। उधर बंगलुरु में 4 करोड़ से ज्यादा के नोट इनकम टैक्स ने पकड़े हैं। एकदम कड़कड़ीया नोट सब। भारत माता की जय। 

Firkee.in 


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