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दुनिया में आए दिन धर्म के नाम पर दंगे फसाद हो रहे हैं, यहां तक कि लोग एक दूसरे की जान तक लेने को उतारू हैं। लेकिन ऐसे लोगों को इन लड़ाई-झगड़ों को किनारे रखकर दुनिया के ऐसे अजीबो गरीब धर्मों के बारे में भी पढ़ना चाहिए कि उनका सिर चकरा जाए। धर्म के नाम पर उत्पात मचाने वाले जब इन लोगों के बारे में जानेंगे तो सारी होशियारी भूल जाएंगे।
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यह हिन्दू पंथ के शैव संप्रदाय की रहस्यमयी शाखा है। इनकी छवि एक ऐसे साधू की है जो शवसाधना करते हैं, मुर्दे का मांस खाते हैं और उसकी खोपड़ी में मदिरापान जैसी क्रियाएं करते हैं। यह तब ही दिखाई देते हैं जब वो शमशान जा रहे हों या वहां से निकल रहे हों।
यह एलियन से प्रेरित धर्म है, इनके अनुसार एलियन स्पेसशिप से धरती के इर्द-गिर्द चक्कर चला रहे हैं और पृथ्वी के लोगों पर निगरानी रख रहे हैं। यह एलियन अपने साथ अच्छे लोगों को लेकर चले जाते हैं।
1973 की शुरुआत में बेन क्लासेन द्वारा स्थापित यह संगठन 'नास्तिकता' और 'रचनात्मकता' की वकालत करता है। यह किसी भी तरह के देवता या चर्च से जुड़ा हुआ नहीं है।
राजस्थान के पाली में बुलेट मोटरसाइकिल का मंदिर है, आस पास के लोग यहां नारियल, फूल, दारू आदि चढ़ाते हैं। यह ओम बन्ना नाम के व्यक्ति के एक्सीडेंट के बाद से हो रहा है।
ये धर्म हिंदू, बौद्ध और यहूदी सिद्धांतों को मिला कर बनाया गया है। इसके 650 सदस्य हैं जो धरती के विनाश को रोकने का प्रयास कर रहे हैं। उनका कहना है कि वह कई आपदाओं को टाल चुके हैं।
जापानी व्यापारी Ryuho Okawa ने न्यूयॉर्क में इस धर्म की स्थापना की थी। कई धर्मों की सीखों को मिलकर इस धर्म को बनाया गया है। उनके अनुसार, महादूत गेब्रियल भविष्य में पृथ्वी पर आएंगे। यह लोग दुनिया में शांति और खुशी फैलाना चाहते हैं।
इस धर्म के अनुसार, जनसंख्या को कम करने के लिए Euthanasia का सहारा लेना चाहिए। यह लोग आत्महत्या को अपराध नहीं मानते। इनका नारा है कि, "पृथ्वी को बचाना है, तो खुद को खत्म कर दो।"
इस धर्म को मानने वाले Satan को पूजते हैं और मानव बलि व हत्या को बुरा नहीं मानते।
यह लोग अन्य लोगों की अनुमति से उनका खून पीते हैं। यह वैम्पायर को मानते हैं।
1954 में रॉन हूबार्ड ने चर्च ऑफ़ साइंटोलॉजी की स्थापना की थी। यह विज्ञान के माध्यम से धर्म को समझाने की कोशिश करते हैं यह विज्ञान के माध्यम से धर्म को समझाने की कोशिश करते हैं
Source: Gazab Post