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इतिहास में 2016 के बाद के वक्त को सेल्फी युग के तौर पर याद किया जाएगा। जहां लोग अल सुबह कुल्ला करने से लेकर रात को खर्राटे लेने तक की बात को फेसबुक पर बताने से चूकते नहीं है। आलम ये हो चुका है कि इलाके के नेता जी हो या फिर छन्नु हलवाई.... हर किसी ने अपना फेसबुक पेज बना रखा है। इन अकाउंटो और पेजों पर वो दिन भर की गतिविधियों को सजाया जाता है और फिर लाइक बटोरने की एक्टिविटी होती है। वह तो खुदा का शुक्र है लाइक और कमेंट की जानकारी लोग अपने रेज्यूम में नहीं लिखते हैं वरना अब तक एंजेल प्रिया का रेज्यूम हर जॉब वैकेंसी में बाजी मार ले जाता।
दरअसल इस दौर में इंसान को खुद को महिमा मंडित करने की आजादी मिल गई। रोज-रोज तो इंसान कुछ अच्छा या महान काम कर नहीं सकता लेकिन फेसबुक पर रोज लिखना होता है। लिहाजा सैर पर जाना, योग करना, पौधों को पानी देना वगैरह भी उपल्बधियों की तरफ फेसबुक पर फैलाए जाते हैं। ऐसे दौर में आपको बताएं कि एक नेता जी ने, अपने क्षेत्र में एक इंसान को मरने से बचाया और फेसबुक पर इसका महिमामंडन भी नहीं किया तो शायद आपको यकीन नही होगा।
कलयुग में द्वापर युग वाली हरकत की है बीजेपी के विधायक ने। राजस्थान के जयपुर के करतारपुरा नाले की है। बारिश में यह नाला भयानक नदी का रुप धारण कर लेते है और लोगों की जान को लील लेता है। पिछले साल इसी नाले में एक लापता युवक की लाश मिली थी। गायब होने के 4 दिन बाद लाश मिली थी। ऐसी ही स्थिति 24 जुलाई की शाम को भी हो गई थी। एक साहब भयंकर रूप ले चुके नाले को पार करने की कोशिश कर रहे थे। बहाव ने संतुलन बिगाड़ दिया और वो गिर कर बहने लगे।
ये घटना जहां हुई उसी के पास कठूमर से बीजेपी के विधायक मंगलराम कोली का घर है, बारिश के मौसम के बाद वह अपने घर के आस पास टहल रहे थे। उनका गनमैन पानी वगैरह रखकर नहाने की तैयारी कर रहा था। जो आदमी नाले के बहाव में बहता हुआ जा रहा था उसकी आवाज विधायक मंगलराम ने सुनी। बिजली की रफ्तार से दौड़े, मंगलराम के पीछे उनका गनमैन भी आया। दोनों की नजर पड़ी तो बाइक सवार, पानी में बहते हुए रेलिंग के करीब आकर फंस गया था। किसी तरह खुद को बचाए हुआ था और बाइक उसी के ऊपर गिरी हुई थी।