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निगरानी रखने और सामान पहुंचाने के साथ-साथ ड्रोन जीवन रक्षक भी साबित हो सकता है। एक नए अध्ययन में पाया गया है कि चिकित्सा व्यवस्था से लैस ड्रोन हार्ट अटैक के मरीजों को एंबुलेंस से चार गुना तेज अस्पताल पहुंचा सकता है।
‘जामा’ पत्रिका में प्रकाशित रिपोर्ट के मुताबिक, स्वीडन में स्थित कैरोलिंस्का इंस्टीट्यूट के शोधकर्ताओं ने एक स्वचलित बाहरी वितंतुविकंपनित्र (एईडी) और आपात चिकित्सा सेवा (ईएमएस) का तुलनात्मक अध्ययन किया।
एईडी ऑउट आफ हॉस्पिटल कार्डिक अरेस्ट (ओएससीए) के लिए इस्तेमाल किया जाने वाला स्वतंत्र ड्रोन होता है। इस ड्रोन को स्वीडन ट्रांसपोर्टेशन एजेंसी ने विकसित किया था। इसमें दिल की धड़कन की जांच करने वाले उपकरण लगे हुए हैं और धड़कन को सामान्य करने के लिए बिजली का झटका भी दे सकता है।
ड्रोन ग्लोबल पोजिशनिंग सिस्टम (जीबीएस), हाई डेफिनेशन कैमरा और ऑटो पायलट सॉफ्टवेयर सिस्टम से लैस था। इसे दस किलोमीटर के दायरे में लोकेशन पर भेजा गया।
शोधकर्ताओं ने पाया कि ड्रोन सभी मामलों में एंबुलेंस से पहले पहुंचा। शोधकर्ताओं ने कहा, ‘16 मिनट की बचत चिकित्सा में अहम साबित हो सकती है। बहरहाल, इसका अभी और परीक्षण किया जाना चाहिए और इसे तकनीकी रूप से विकसित करने के साथ-साथ मूल्यांकन की जरूरत है।’