Home Omg Oh Teri Ki Survey Regarding Indian Office Culture And Behavior

देसी दफ्तरों की खुली पोल, कहीं आप भी तो इन्हीं में से नहीं?

Updated Thu, 15 Jun 2017 07:20 PM IST
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survey regarding Indian office culture and behavior
- फोटो : demo
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लो जी, आपको पता भी नहीं चला और आपकी ये हरकतें एक सर्वे में कैद हो गईं। सर्वे बड़ा चौंकाने वाला है, क्योंकि ये आपकी ही नहीं, बल्कि बाबा आरडीएक्स (बोले तो सबसे बड़ा बॉस) की भी पोल खोलने वाला है।

चलिए तो सीधे पोल खोल सर्वे पर आते हैं। भारतीय दफ्तरों की कार्यशैली से जुड़ा एक सर्वे कइयों को हजम नहीं हो रहा है।  सर्वे करने वाली कंपनी EY ने ये अजब-गजब सर्वे किया है और नाम दिया है ‘एशिया प्रशांत धोखाधड़ी सर्वे’।

सर्वे में हिस्सा लेने वाले 78 फीसदी लोगों ने माना है कि भारत में भ्रष्टाचार और रिश्वतखोरी अपने पैर नहीं पसार रही बल्कि खुद ही पसर चुकी है। 57 फीसदी लोगों का मानना था कि काम निकालने के लिए बॉस भी गलत चीजों को देखते टाइम आंखें बंद कर लेता है। ठीक वैसे ही ...जैसे शुतुरमुर्ग रेत में गर्दन घुसेड़कर ये मान लेता है कि सब ठीक है।                     


कमाल की बात ये है कि करप्शन की डोर का एक सिरा बॉस के पास होता है तो दूसरा सिरा टीम मेंबर की तरफ। टारगेट के प्रेशर तले बॉस ही अपनी टीम के बंदे को सिखाता है कि कैसे तीन-पांच और गुणा गणित करके धंधा लाया जाता है। ऐसा हम नहीं कह रहे बल्कि सर्वे में हर पांच में से एक शख्स ऐसा मान रहा है।

इन सबके बीच सबसे मजेदार बात ये है कि जिन कंपनियों में ऐसा होता है वहां ज्यादातर लोग काम करना चाहते हैं। सर्वे की सही मानें तो 58 फीसदी लोगों ने कहा कि उन्हें ऐसी कंपनियों के साथ काम करने में कुछ गलत नहीं लगता है जिन पर करप्शन की कालिख पुती हुई हो, जिन पर रिश्वतखोरी या भ्रष्टाचार जैसे गंभीर आरोप लगे हों।

 कुल मिलाकर ये सामने आ रहा है कि हम अपनी सहूलियत के हिसाब से सही और गलत का चुनाव करते हैं। अगर इंसेटिव, बॉस की तारीफ या फिर कुछ और प्रसाद मिलना हो तो गलत काम करने में कोई गुरेज नहीं! अक्सर ये चर्चा होती है कि सरकारी दफ्तरों की दीवारों से लेकर दरवाजों तक और दरवाजों से लेकर दरख्तों तक करप्शन का कीड़ा पहुंच चुका है। लेकिन चमचमाने वाले प्राइवेट दफ्तरों की कालीनों के नीचे भी भ्रष्टाचार छिपा कर रखा जाता है ये बात छिपाई जा रही थी।                     


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