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फेसबुक का नाम बेशक फेस-बुक पर हो लेकिन यहां बुडबक लोगों की भारी जमात इकट्ठा हो गई है। जी हां.. हो सकता है जिस लंबी चौड़ी फ्रेंड लिस्ट के ऊपर आप छाती चौड़ी करके घूम रहे हों उसमें से बहुतेरे फर्जी वाले भी हों। ये भी हो सकता है कि जिस 'पूजा' से आप फेसबुक पर बैठकर दिनभर घंटों चैटिंग करते हों वो पडोस का 'पप्पू' हो।
जी हां... अभी अभी मिली सूचना के अनुसार पता चला है कि फेसबुक पर फर्जी लोगों की लंबी चौड़ी जमात इकट्ठा हो गई है, इतनी लंबी चौड़ी की ये आंकड़ा 200 मिलियन यानि की 20 करोड़ तक पहुंच गया है।
एक खबर के अनुसार फेसबुक पर 20 करोड़ के करीब फर्जी आईडी वाले अकाउंट हाल फिलहाल संचालित हो रहे हैं और मजे की बात ये है कि इनमें से ज्यादातर अपने ही देश यानि इंडिया में हैं। अपने 12वें जन्मदिन पर फेसबुक के 'बड़का बाबूजी' यानि मार्क जुकरबर्ग ने ये जानकारी लोगों को दी है।
अपनी सालाना रिपोर्ट में फेसबुक ने बताया कि हमारे हर महीने के एक्टिव यूजर्स में से लगभग 10 फीसदी फर्जी आईडी वाले अकाउंट होते हैं। फेसबुक ने ये भी बताया कि हमें विश्वास है कि 'विकसित बाजारों' (फेसबुक हमें और आपको बाजार कहकर ही संबोधित करता है) के मुकाबले विकासशील बाजारों जैसे भारत, इंडोनेशिया और फिलीपींस में डुप्लीकेट अकाउंट्स की संख्या ज्यादा है।
जानकारी के अनुसार 31 दिसंबर 2017 को फेसबुक के मंथली एक्टिव यूजर्स की संख्या 2.13 बिलियन तक पहुंच चुकी है, जो साल 2016 के इसी अवधि से 14 फीसदी ज्यादा है।
फेसबुक ने बताया कि 31 दिसंबर 2016 तक उसके 1.86 बिलियन यूजर्स में से छह फीसदी के करीब डुप्लीकेट अकाउंट थे। वहीं साल 2016 के मुकाबले साल 2017 में फेसबुक यूजर्स की संख्या 14 फीसदी की रफ्तार से बढ़ी है।
जानकारी के अनुसार फेसबुक ने इन फर्जी अकाउंट को दो कैटेगिरी में बांटा है, जिनमें एक तरफ यूजर्स अपने बिजनेश, संगठन का प्रचार करने के लिए एक अन्य अकाउंट बनाते हैं और दूसरी ओर कुछ अवांछनीय अकाउंट हैं जो फेसबुक के नियमों का उल्लंघन करते हैं।