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एक रेस्टोरेंट ऐसा भी जहां दिन में फ्री मिलता है खाना, रात को पढ़ने के लिए मिलती हैं किताबें

टीम फिरकी, नई दिल्ली Updated Mon, 12 Feb 2018 08:28 PM IST
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This restaurant is free to eat and books for reading
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क्‍या आपने किसी ऐसे होटल के बारे में सुना है, जहां आप पेटभर कर खाएं और कोई आपसे पैसे मांगने भी नहीं आए...। सुनने में बेशक ये अजीब लगे लेकिन केरल में वाकई में एक ऐसा होटल है जहां लोगों से भोजन के पैसे नहीं लिए जाते, हां किसी की इच्छा करे तो बाहर रखे एक बॉक्स में कुछ डाल दे।

मजे की बात तो ये है कि रात होते ही यह होटल एक भरी पूरी लाइब्रेरी में तब्दील हो जाता है। इस होटल का नाम है अंजप्पम, जो केरल के रन्नी और कांझेंचेरी में चलाया जाता है। अब सवाल ये है कि इस होटल को चलाता कौन है जो बिना कुछ लिए लोगों को भरपेट भोजन कराता है।

तो जनाब, इस होटल को संचालित किया जाता है एक ट्रस्ट द्वारा जिसका नाम भी अंजप्पम है और उसी नाम से ये होटल चलता है। असल में इस ट्रस्ट की स्‍थापना की एक पादरी ने जिनका नाम है बॉबी जोस ने।
फादर बॉबी एक लेखक भी हैं, लंबे समय से वह किसी ऐसे रेस्टोरेंट की कल्पना कर रहे थे जहां भूखे लोगों को बिना पैसे लिया भोजन कराया जा सके। अंजप्पम ट्रस्ट के पीआरओ लुइस अब्राहम के अनुसार, इस रेस्टोरेंट का शुरू करने का मकसद भूखे लोगों को सम्मान के साथ भोजन था, हालांकि यहां भोजन और नाश्ता करने के लिए रेट तय हैं।

जैसे 15 रुपये में नाश्ता और 25 रुपये में भोजन, लेकिन ये सिर्फ स्वेच्छा से है, जिसका मन करता है वो यहां रखे बॉक्स में डाल देता है जो नहीं डालता उससे हम मांगते नहीं हैं। लुइस बताते हैं कि हम लोग कई मौकों पर यहां से भोजन बनाकर बाहर भी सप्लाई करते हैं और उसे जरूरतमंदों में बांटते हैं।

हम यहां सिर्फ शाकाहारी भोजन बनाते हैं और जिन सब्जियों का इस्तेमाल यहां किया जाता है वो पूरी तरह जैविक होती हैं और उन्हें नजदीक के बाजारों से ही खरीदा जाता है। जिससे लोगों को भरपेट भोजन के साथ साथ सही स्वास्‍थ्य भी मिल सके।

लुइस के अनुसार इस रेस्टोरेंट को चलाने में लोग अलग अलग तरह से मदद करते हैं। कुछ लोग यहां आकर निशुल्क काम करते हैं तो कुछ लोग आर्थिक रूप से मदद करते हैं। इसके लिए हमने अप्पाकुट्टू नाम से एक सोसायटी बनाई है जो रेस्टोरेंट चलाने में मदद करती है।

खास बात ये है कि यह सोसायटी खाने के साथ ही लोगों को पढ़ने के लिए भी प्रेरित करती है। शाम छह बजे के बाद यह रेस्टोरेंट एक लाइब्रेरी में तब्दील हो जाता है। यहां लोग आते हैं और अपनी पसंद की किताबें पढ़कर ज्ञान बढ़ाता है। यह ट्रस्ट बच्चों की काउंसलिंग भी करता है और उन्हें सांस्कृतिक कार्यक्रमों में भी शामिल करता है। 
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