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Snail in Florida City: बीते कुछ सालों से वैसे ही कोरोना वायरस ने लोगों की नाक में दम किया हुआ है। कोरोना वायरस ने दुनियाभर के देशों को अपनी चपेट में लिया, जिनमें से एक अमेरिका भी है। कोरोना के चलते दुनियाभर के देशों में कई तरह की पाबंदियां लगा दी गई थी। लोगों के कई दिनों तर घरों में क्वारंटीन होकर भी रहना पड़ा था। वहीं पिछले कुछ समय से हालात में सुधार होने के बाद पाबंदियों को हटाया गया और धीरे-धीरे सब नॉर्मल हो रहा है। लेकिन अब अमेरिका के फ्लोरिडा स्टेट के शहर उत्तरी ताम्पा में एक बार फिर से घरों में कैद होने की नौबत आ गई है। हालांकि इसकी वजह कोरोना नहीं बल्कि, कुछ और है। आपको जानकर हैरानी होगी कि इसके पीछे एक स्नेल यानी घोंघे हैं, जी हां, फ्लोरिडा में इससे डर का माहौल बना हुआ है। अब आप सोच रहे होंगे कि घोंघा तो नुकसान पहुंचाने वाला जानवर नहीं है, फिर लोगों में किस बात का डर है? आइए जानते हैं आखिर इसके पीछे क्या वजह है।
क्यूं है इससे खतरा?
दरअसल, फ्लोरिडा में बने दहशत के माहौल की वजह इन घोंघे का बड़ा आकार है, जो करीब 8 इंच तक के हैं। ये घोंघे दिखने में एक चूहे जितने बड़े हैं। लोगों का कहना है कि ये घोंघे का परजीवी है। यही वजह है कि पूरे कस्बे को 2 साल के लिए क्वारंटीन कर दिया गया है।
इंसानों के लिए हैं जानलेवा
एक रिपोर्ट के मुताबिक, इन घोंघों के साथ जो परजीवी (Parasite) चल रहा है, वह बेहद खतरनाक है। ये इंसानों में मेनिनजाइटिस बीमारी फैला सकते हैं। दरअसल, इस बीमारी में मस्तिष्क की झिल्ली और मेरुरज्जु (स्पाइनल कॉर्ड) की हड्डी के अंदर सूजन हो जाती है, जिससे इंसान की जान भी जा सकती है।
शहर में लागू की गई स्वास्थ्य चेतावनी
खतरे को देखते हुए इस हिस्से में एक स्वास्थ्य चेतावनी जारी की गई है, जिसके तहत यहां दो साल के लिए क्वारंटीन लागू किया गया है। दरअसल, ये क्वारंटीन कोरोना जैसा नहीं है। असल में इन दो सालों तक लोग घरों से बाहर निकल सकेंगे, लेकिन शहर की मिट्टी, पौधों, मलबों और कंस्ट्रक्शन मटेरियल को बाहर नहीं ले जा सकते।
घर को कर देते हैं खोखला
साथ ही कस्बे के अंदर भी इन चीजों को इधर से उधर करने पर रोक लगाई गई है। मूल रूप से घोंघों की ये प्रजाति अफ्रीका में पाई जाती है, जो हर साल लगभग 1200 अंडे देते हैं। एक्सपर्ट की मानें तो, ये इंसानों को ही नहीं, बल्कि पर्यावरण को भी नुकसान पहुंचाते हैं। इतना ही नहीं हैरानी की बात तो ये है कि पौधों के साथ इन्हें कंक्रीट भी पसंद है। ऐसे में ये पेड़ पौधों के साथ घरों को भी खोखला कर देते हैं।