Home Panchayat Delhi University First Cut Off List

DU: एडमिशन के लिए जितने % चाहिए, उतनी तो आजकल फोन की बैटरी भी चार्ज नहीं होती!

Updated Sat, 24 Jun 2017 01:22 PM IST
विज्ञापन
Delhi University
Delhi University - फोटो : DNA India
विज्ञापन

विस्तार

दिल्ली यूनिवर्सिटी के द्वार दाखिले के लिए खुल चुके हैं। 50 प्रतिशत से लेकर 99 प्रतिशत वाले छात्र अपने फेसबुक प्रोफाइल पर Studied in DU लिखना चाहते हैं। 99 प्रतिशत वालों के साथ साथ 50 प्रतिशत वालों के भी सपनों में टॉप 5 कॉलेज होते हैं लेकिन मार्कशीट के 50 प्रतिशत अंक उन्हें बॉटम के कॉलेजों की कट-ऑफ खंगालने पर मजबूर कर देते हैं। 50 प्रतिशत वाले छात्रों की जमात में कुछ बहादुर बच्चें इतना सबकुछ होने के बाद भी एक चक्कर रामजस कॉलेज से लेकर हंसराज और किरोड़ीमल से लेकर सेंट स्टीफन तक लगा ही आते हैं। दाखिला हो या न हो, लेकिन माहौल का आंनद ले ही आते हैं। 
 
जैसा कि आपको पता चल ही चुका होगा, इस बार कि कट-ऑफ भी 95 प्रतिशत से लेकर 99.99 प्रतिशत तक की है। हालांकि डीयू प्रशासन का मानना है कि इस बार छात्रों के लिए थोड़ी राहत दी गई है लेकिन 50 से 75 प्रतिशत वाले चेहरों ने इस कट-ऑफ को सिरे से खारिज कर दिया है। कुछ एक छात्रों ने तो इस राहत की कड़ी निंदा भी कर दी। 
 
हमारे संवाददाता रामभरोसे (काल्पनिक) भी किरोड़ीमल कॉलेज के बाहर बैठे मायूस छात्रों से मिलने पहुंचे। एक छात्र (इसका नाम बताना हम जरूरी नहीं समझते) ने हमारे सवाल पर अपनी जेब से रुमाल निकाला और नाक पोंछते हुए कहा कि ‘‘जित्ते ये प्रतिशत मांग रहे हैं न... उत्ती तो हमारे मोबाइल कि कभी बैटरी भी चार्ज नहीं होती।’’  
 
 
एक छात्र तो अपनी चमड़े की चप्पल उतार कर हमारे संवाददाता के पीछे दौड़ पड़ा। चिल्लाते हुए कहने लगा कि जाओ पहले उससे सवाल पूछ कर आओ जिसने CBSE, ICSC बोर्ड और बिहार बोर्ड के नंबरों का ये अंतर बनाया है। इस दौरान हमें बिहार बोर्ड की एक्स टॉपर जैसी शक्ल की एक स्टूडेंट भी दिखी लेकिन उसने हमारे संवाददाता के सवालों को अनसुना करते हुए ऑटो वाले से बिना किराया पूछे वहां से निकल जाना बेहतर समझा। 
 
कम प्रतिशत वाले छात्रों का कहना है कि एक तो इन कॉलेजों में एडमिशन नहीं हो पा रहा है ऊपर से टीवी वाले दिन भर दिल्ली यूनिवर्सिटी की खबरें दिखा-दिखा कर हमारे परिवार वालों को उकसाते हैं।

एक-दो छात्रों ने परिवार वालों के गुस्से के रिएक्शन के निशान भी अपनी पीठ पर दिखाए लेकिन उन्होंने फोटों खीचते हुए रामभरोसे (हमारे संवाददाता) का मोबाइल ढकेल दिया। मोबाइल की मरम्मत होते ही वो दर्दनाक निशान आपको भी दिखाने की कोशिश करेंगे। 
 
कुल मिलाकर ज्यादा प्रतिशत वाले छात्र एडमिशन की कोशिश कर रहे हैं तो कम प्रतिशत वाले खुद को बचाने की। दाखिले के आसार न दिखने के बाद छात्रों ने मन ही मन ऊपर वाले से प्रार्थना की है कि अगले जनम मोहे पढ़ाकू कीजो...! 

 

विज्ञापन
विज्ञापन
विज्ञापन
विज्ञापन
विज्ञापन
विज्ञापन

Disclaimer

अपनी वेबसाइट पर हम डाटा संग्रह टूल्स, जैसे की कुकीज के माध्यम से आपकी जानकारी एकत्र करते हैं ताकि आपको बेहतर अनुभव प्रदान कर सकें, वेबसाइट के ट्रैफिक का विश्लेषण कर सकें, कॉन्टेंट व्यक्तिगत तरीके से पेश कर सकें और हमारे पार्टनर्स, जैसे की Google, और सोशल मीडिया साइट्स, जैसे की Facebook, के साथ लक्षित विज्ञापन पेश करने के लिए उपयोग कर सकें। साथ ही, अगर आप साइन-अप करते हैं, तो हम आपका ईमेल पता, फोन नंबर और अन्य विवरण पूरी तरह सुरक्षित तरीके से स्टोर करते हैं। आप कुकीज नीति पृष्ठ से अपनी कुकीज हटा सकते है और रजिस्टर्ड यूजर अपने प्रोफाइल पेज से अपना व्यक्तिगत डाटा हटा या एक्सपोर्ट कर सकते हैं। हमारी Cookies Policy, Privacy Policy और Terms & Conditions के बारे में पढ़ें और अपनी सहमति देने के लिए Agree पर क्लिक करें।

Agree