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अरुणाचल प्रदेश के राज्यपाल पीबी आचार्य ने हम भारतियों के लिए कुछ कहा है। और यकीन मानिए बिल्कुल सही कहा है। वो कह रहे हैं कि हम भारतीय, भारत के उत्तर-पूर्वी राज्यों से ज़्यादा अमेरिका के बारे में जानते हैं। हम आपसे पूछ रहे हैं कि ऐसा है क्या?
आचार्य ने ऐसा इस लिए कहा क्योंकि उन्हें इस क्षेत्र में पर्यटन को बढ़ावा देने में बहुत दिक्कत आ रही है। यही कारण है कि यहां की अपनी जो एक अन्मोल संस्कृति है उससे लोग अनभिग्य हैं। पिछली रात इंदिरा गांधी पार्क में अरुणाचल टूरिज्म अवॉर्ड की शुरुआत करते हुए उन्होंने लोगों से मिलकर इस विषय पर काम करने की बात कही।
अगर हम आम लोगों की बात करें, पढ़े-लिखे लोगों की बात तो आप चाहे इस बात को खुद आज़मा कर देख लीजिए, लेकिन ज़्यादातर लोग आपको ऐसे मिल जाएंगे जिन्हें नॉर्थ ईस्ट के सारे राज्य और उनकी राजधानियों का नाम तक याद नहीं होगा। इसका लेना-देना जनरल नॉलेज से कम है।
इसका मुख्य कारण ये है कि हमारे टीवी पर यहां की कोई ख़बरें ही नहीं आती। देश के इस हिस्से में क्या हो रहा है इस बारे में हमें पता ही नहीं होता। दूसरा हम यहां के लोगों को अपना ही नहीं पाते। वो भी हमसे घुलने मिलने में बेहद हिचकिचाते हैं। यहां लोग उन्हें मोमो, चाउमीन, चिंकी और न जाने क्या-क्या बुलाते हैं।
आप ही सोचिये देश का एक बड़ा हिस्सा मुख्यधारा के मीडिया से पूरी तरह से गायब है। ऊपर से बुरे बर्ताव की वजह से हमारे और उनके बीच एक लंबी खाई बनती जाती है। आए दिन देश की राजधानी से ही ऐसी ख़बरें आती रहती हैं जिसमें किसी नॉर्थ ईस्ट के व्यक्ति के साथ यहां के लोगों ने हिंसा की होती है। आखिर दिक्कत कहां है? हम लोग उनको लेकर इतना अजीब बर्ताव क्यों करने लगते हैं।
किसी भी पब्लिक कन्वेंस में अगर कोई नॉर्थ ईस्ट का व्यक्ति आकर बैठ जाता है लोग उसे लगातार देखते रहते हैं। सोचिये आप किसी नई जगह जाएं और वहां के लोग आपको लगातार घूरते रहें तो आपको कैसा लगेगा? अगर वो लोग हमारे साथ रहकर सहज महसूस नहीं करेंगे तो उन्हें हमसे अलग होने से कोई नहीं रोक पाएगा।
उल्फ़ा जैसी अलगाववादी ताकतों की कोई खबर सुनते ही हम गुस्से से लाल हो जाते हैं लेकिन क्या हमने कभी अपने आप से पूछा है कि उनके भाई-बहन होने के नाते कहीं हमने उनसे ऐसा बर्ताव तो नहीं किया जिससे उन्हें दुःख पहुंचा हो? वहीं दूसरी तरफ़ वहां के बच्चों को भी बाकी देश के लोगों से घुलना-मिलना शुरू करना होगा।
सरकार को नॉर्थ-ईस्ट के लिए ख़ास तौर पर पर्यटन प्रोग्राम शुरू करने चाहिए, एजुकेशन प्रोग्राम चलाने चाहिए जिससे पूरे देश के लोग वहां जाकर उन लोगों से मिल सकें। पीबी आचार्य ने कल एक नया टर्म दिया NAMASTE इस शब्द में सारे ही उत्तर पूर्वी राज्य आ जाते हैं। (नागालैंड, अरुणाचल प्रदेश, मणिपुर,मिज़ोरम, त्रिपुरा, असम, सिक्किम और ईस्ट)
इस नए टर्म की मदद से लोगों को देश के इस हिस्से की तरफ़ आकर्षित करने की मुहिम चलाने की आवश्यकता है।