पिछले कुछ सालों में इंडिया में बहुत कुछ बदला। ये कुछ कौन से साल हैं ये आप और हम सभी बेहतर समझते हैं। जबकि देश बदल रहा है, मेरा देश अब पहले से ज्यादा या यूं कहें असली देशभक्त बन रहा है। असली वाला देशभक्त। देशभक्ति की परिभाषा बदल गई है। किसी को भी तिरंगा दिखा कर पीट देना देशभक्ति बन गई है। करण जोहर को सिर्फ इस बात के लिए ट्वीटर पर इतनी गालियां डी जाती हैं क्योंकि उसने किसी पाकिस्तानी कलाकार को अपनी फिल्म में काम दिया। लेकिन ये गरियाने वाले ये भूल जाते हैं कि करण जोहर उस पाकिस्तानी कलाकार के साथ काम करने वाला इकलौता प्रोड्यूसर नहीं है। और अगर इकलौता भी है तो उसने उस वक़्त फवाद खान के साथ कॉन्ट्रैक्ट साइन किया था जिस वक़्त देश के प्रधानमंत्री सारे प्रोटोकॉल तोड़ कर नवाज़ शरीफ की बेटी की शादी के लिए पहुंच जाते हैं। खैर वो तो व्यापारी है फिल्में बनाता है पैसे लगता है उसे उसका फायदा चाहिए। तुम उसकी फिल्म देखो ना देखो मुझे क्या। लेकिन तुम बाकि लोगों को फिल्म देखने से रोकने वाले कौन होते हो?
लेकिन गोवा के थिएटर में जो तुम लोगों ने सलिल चौधरी को मारा वो क्यों बर्दाश्त की जाए? कोई एक वजह अगर कोई दे सकता है तो दे। क्यों इसे बर्दाश्त किया जाए। गलती क्या थी उस सलील की? यही ना थिएटर में राष्ट्रगान बजा और सलील अपनी जगह पर बैठे रह गए। और तुम पति-पत्नी दोनों ने मिल कर उसके साथ गाली-गलोच किया। उसे मारा। छी-छी-छी।शर्म आनी चाहिए। चुल्लू भर नाले के पानी को नाक में सुरक लो। एक बार ये जान तो लिया होता कि वो एक 'विकलांग' है। हां, वो एक विकलांग ही तो है। अगर वो सचमुच का दिव्यांग होता तो क्या कोई उसे पीट पाता। तुमने उसे सिर्फ मारा नहीं। तुमने उसे महसूस करवा दिया कि वो आदमी एक विकलांग है और वो पिटने के लिए मजबूर है।
ये है तुम्हारी देशभक्ति? क्या गांधी ने देश से ऐसा ही प्रेम किया था? क्या देशप्रेम की यही परिभाषा है। अगर देशभक्ति का यही मतलब है तो मुझे शर्म आएगी, हर उस बार जब-जब कोई मुझे मेरे किसी काम के लिए देशभक्त बुलाएगा। अगर यही देशभक्ति है तो ये मेरे लिए देशभक्त ताउम्र एक गाली रहेगी। जिसे मैं मरते दम तक अपने ऊपर हावी नहीं होने दूंगा।
शर्म करो। शर्म। देशभक्ति का मतलब भारत माता की जय बोल देना नहीं है। देशभक्ति का मतलब...
खैर, छोड़ो तुम्हें क्या समझाएं देशभक्ति का मतलब। तुम्हारे उजाड़ खोपड़े में धंसेगा ही नहीं। तुम छोड़ दो। बस सलील को पीट देने वालों तुम एक काम जरूर करना। चुल्लू भर नाले का पानी ना मिले तो बाबा रामदेव की दूकान से देशी गौ-मूत्र नाक में सुरक लेना।
मुझे अपनी ऐसी खोखली देशभक्ति से डराने की कोशिश ना करना। वरना करारा जवाब मिलेगा। क्या है ना कि बकैती हमारे गांव की मिट्टी से हमें विरासत में मिली है। सो तुमसे ना हो पाएगा। रहें ही दो। कान में तेल डालो और सो जाओ। इससे ज्यादा तुम्हारे बस का नहीं है।