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22 मार्च यानी आज ही के दिन साल 1912 में बिहार को बंगाल प्रेसिडेंसी से अलग कर राज्य बनाया गया था। इसलिए हर साल राज्य सरकार 22 मार्च को बिहार दिवस मनाती है। आज बिहार 105 साल का हो चुका है।
कभी कहा जाता था मगध
बिहार को मगध के नाम से भी जाना जाता था। वहीं, बिहार की राजधानी पटना का पहला नाम पाटलिपुत्र है। बिहार के उत्तर में नेपाल, पूर्व में पश्चिम बंगाल, पश्चिम में उत्तर प्रदेश और दक्षिण में झारखण्ड स्थित है। बिहार की पहचान उसके खास ज़ायकों से भी है। नालंदा जैसी ऐतिहासिक शिक्षण व्यवस्था के चलते दुनिया भर में पहचान बनाने वाले बिहार प्रदेश में ऐसे कई लज़ीज व्यंजन हैं, जो स्वाद के मुरीदों का दिल जीतने का दम रखते हैं। बिहारी स्वाद का मजा लेना है तो आप सिर्फ भारत में ही नहीं विदेशों में फेमस हुई लिट्टा-चोखा और सूरन की चटनी का मजा जरूर लें। ख़ैर..
बिहार आज जिन चर्चित चेहरों की वजह से चमक रहा है उनके बारे में भी एक नजर डाल लेते हैं। कुछ लोगों को ये बताने में भी शर्म आती है कि वो बिहार से हैं, और कुछ लोग बिहार के नाम पर नाक मुंह सिकोड़ लेते हैं। लेकिन कुछ ऐसे चेहरे हैं जिन्होंने बिहार की किस्मत ही नहीं बल्कि पूरे बिहार को बदल दिया।
बिहार का नाम लेते ही सबसे पहले दिमाग मे एक नाम जरूर जाता है। वो है 'मनोज तिवारी'। फिल्मों में काम करने से पहले मनोज तिवारी ने तकरीबन दस साल भोजपुरी गायक के रूप में काम किया। 2003 में उन्होने फिल्म 'ससुरा बड़ा पैसा वाला'में अभिनय किया जिसे लोगों ने बेहद पसंद किया। भोजपूरी फिल्मों के जन्मदाता मनोज तिवारी को ही माना जाने लगा। उन्होने अनुराग कश्यप की फिल्म 'गैंग्स ऑफ वासेपुर' के लिए एक लोकप्रिय गीत 'जिय हो बिहार के लाला' भी गाया।
'दशरथ मांझी' एक ऐसा नाम जिन्हें लोग उनके काम से जानते हैं। 'मांझी द माउंटेन मैन' उन पर एक फिल्म भी आ चुकी है। मांझी बिहार के गहलौर गांव के एक गरीब मजदूर थे। केवल एक हथौड़ा और छेनी लेकर उन्होंने अकेले ही 360 फुट लंबी 30 फुट चौड़ी और 25 फुट ऊँचे पहाड़ को काट के एक सड़क बना डाली। इस चेहरे के बारे में नहीं जाना मतलब इतिहास के एक बड़े और खूबसूरत चैप्टर को मिस किया।
बिहार के एक गरीब परिवार से आने वाले सुशील ने जब 5वें सीजन में 5 करोड़ की बड़ी रकम जीती थी। इस रकम को जीतने के बाद वो काफ़ी फ़ेमस हो गए और इस कारण उन्हें रिएलटी शो में भी जगह मिली। केबीसी में जीते हुए रुपयों को उन्होंने बिजनेस में इन्वेस्ट किया है सुशील कुमार की बिहार में दुकानें हैं। और दिल्ली में उनकी कुछ गाड़ियां चलती हैं। साथ ही वो लिखते भी हैं। एक प्रोडक्शन हाउस को वो कहानी पसंद आई और उस कहानी की स्क्रिप्ट पर वो काम कर रहे हैं।
भारते के पहले राष्ट्रपति राजेंद्र प्रसाद भी बिहार से हैं। अब बिहार के नाम पर नाक मुंह सिकोड़ने वालों को अच्छा जवाब दिया जा सकता है।
हिन्दी फिल्म इंडस्ट्री में दादा मुनि के नाम से मशहूर अशोक कुमार का जन्म बिहार के भागलपुर में हुआ था। 1984 मे दूरदर्शन के इतिहास के पहले शो 'ओपेरा हमलोग' में वह सीरियल के सूत्रधार की भूमिका मे दिखाई दिए और छोटे पर्दे पर भी उन्होंने दर्शको का भरपूर मनोरंजन किया।
तो बिहार को जानना हो, या बिहार को जताना हो तो इन 5 चेहरों का नाम जरूर लीजिएगा।