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जापान की संसद ने एक महत्वपूर्ण कानून को मंजूरी दी है, जिसके तहत वयोवृद्ध सम्राट अकिहितो अपनी इच्छा से राजगद्दी छोड़ सकते हैं। इससे वह अपने पुत्र नारूहितो के सम्राट बनने का मार्ग प्रशस्त कर सकते हैं। संसद की ओर से मंजूरी मिलने के बाद पिछले लगभग 200 वर्षों के दौरान यह पहली बार होगा जब जापान का कोई सम्राट अपना पद छोड़ेगा।
सम्राट अकिहितो के पद छोड़ने के बाद 57 वर्षीय राजकुमार नारूहितो अगले वर्ष के अंत तक जापान के सम्राट का पद संभाल सकते हैं। इस कानून पर शुक्रवार को बहस के बाद उच्च सदन ने अपनी मुहर लगाई। जबकि निचले सदन ने पिछले हफ्ते ही इसे मंजूरी दे दी थी।
अब तक के पुराने कानून के अनुसार गद्दी पर बैठे सम्राट पद से इस्तीफा नहीं दे सकते थे, लेकिन अब इस नए कानून के चलते ये संभव हो गया है।
83 वर्षीय सम्राट अकिहितो कई स्वास्थ्य संबंधी परेशानियों से ग्रसित हैं। उनका हार्ट और प्रोस्टेट कैंसर का ऑपरेशन हो चुका है। पिछले साल सम्राट अकिहितो ने सार्वजनिक रूप से कहा था कि बढ़ती उम्र और खराब स्वास्थ्य के कारण उनके लिए अपने कर्तव्यों का पालन करना काफी कठिन हो गया है।
अकिहितो से पूर्व उनके पिता हिरोहितो सम्राट थे। उन्होंने जापान पर गिरे दो परमाणु बमों के घाव भरने का काम किया था। 1989 में उनकी मृत्यु के बाद अकिहितो ने यह पद संभाला, जिसके बाद मधुरभाषी सम्राट अकिहितो ने कई दशकों तक देश और विदेश में कार्य कर द्वितीय विश्व युद्ध के घावों को भरने का काम किया है। जापान में सम्राट का पद बेहद ही संवेदनशील माना जाता है।