Home Panchayat Know The Real Story Of Gupta Brothers Of South Africa

जिन गुप्ता बंधुओं के इशारे पर नाचती थी दक्षिण अफ्रीका की राजनीति, वो तो हैं आपके पड़ोसी

टीम फिरकी, नई दिल्ली Updated Thu, 15 Feb 2018 04:45 PM IST
विज्ञापन
Know the real story of gupta brothers of south africa
विज्ञापन

विस्तार

भ्रष्टाचार और भाई भतीजावादा के आरोपों से जूझ रही दक्षिण अफ्रीका की सत्तारूढ़ पार्टी अफ्रीकन नेशनल कांग्रेस में आखिर सत्ता पलट हो ही गया। राष्ट्रपति जैकब जुमा ने अपने पद से इस्तीफे की घोषणा कर दी है इसके साथ ही माना जा रहा है पार्टी के अंदर चला सत्ता संघर्ष फिलहाल थम गया है।

लेकिन खास बात ये है कि राष्ट्रपति पद से जुमा की विदाई और सत्तारूढ़ पार्टी एएनसी में मचे घमासान की जड़ें अफ्रीका से हजारों मील दूर यूपी के एक छोटे से शहर सहारनपुर से जुड़ी हैं, जहां के रहने वाले तीन गुप्ता भाइयों से बेपनाह नजदीकी संबंधों के चलते जुमा को अपनी कुर्सी गंवानी पड़ी।

ताजा विवाद में अब गुप्ता बंधुओं पर भी कार्रवाई की तलवार लटकी हुई है, बताया जा रहा है कि पुलिस ने तीनों भाइयों को जोहान्सबर्ग स्थित उनके आलीशान घर से आज सुबह गिरफ्तार कर लिया।

बहरहाल, अफ्रीका की राजधानी में भूचाल लाने वाले तीनों गुप्ता बंधुओं की बिजनेश में सफलता की कहानी किसी फिल्मी स्टोरी से कम नहीं है। आइए, आज हम आपको रूबरू कराते हैं गुप्ता बंधुओं के फर्श से अर्श और फिर फर्श तक पहुंचने की कहानी से। 

गुप्ता बंधुओं, अजय गुप्ता, अतुल गुप्ता और राजेश गुप्ता के पिता शिवकुमार गुप्ता की शहर के रानीबाजार स्थित रायवाला मार्केट में कभी राशन की डिपो हुआ करती थी। 

दुकान के पीछे ही एक छोटा सा पुश्तैनी मकान था। पढ़ाई लिखाई में तीनों ही भाई शुरू से तेज तर्रार थे। बड़े भाई अजय ने जैन कालेज से पढ़ाई पूरी कर सीए का कोर्स किया तो छोटे भाइयों को आईटी से इंजीनियरिंग की डिग्री दिलवाई। गुप्ता परिवार के नजदीकी मंसूर बदर बताते हैं कि पिता शिवकुमार शुरू से ही चाहते थे कि बेटे पढ़ लिखकर बाहर जाएं, इसी‌लिए उन्होंने अतुल गुप्ता को साल 1985 में दिल्‍ली भेज दिया। 

यहां कुछ दिन हयात होटल में नौकरी करने के बाद अतुल वहां से साउथ अफ्रीका चले गए। तेज दिमाग अजय ने जल्द ही पहचान लिया कि रंगभेद के दौर से उबर रहे इस देश में बिजनेश को आगे बढ़ाने की बहुत संभावनाएं हैं। इसी बीच अजय ने अपने दोनों भाइयों अतुल और राजेश को भी इंजीनियरिंग की डिग्री दिलाने के बाद आगे की पढ़ाई के लिए सिंगापुर भेज दिया। 

यहां अतुल और राजेश ने कम्‍प्यूटर हार्डवेयर का छोटा मोटा बिजनेस शुरू किया और तेजी से इस काम में अपनी पकड़ बनाई। तब तक अजय दक्षिण अफ्रीका में अपना काम शुरू कर चुके थे उन्होंने दोनों भाइयों को भी अपने पास बुलवा लिया। 

तीनों भाइयों ने दक्षिण अफ्रीका के जोहान्सबर्ग में सहारा कम्‍प्यूटर के नाम से कम्‍प्यूटर और उसके पार्ट्स बनाने की कंपनी शुरू की। बिजनेस छोटा था लेकिन तेजी से आगे बढ़ा। मंसूर बताते हैं कि उस दौर में तीनों भाइयों ने बेइंतहा मेहनत की और देशभर में अपने कम्‍प्यूटर की बड़ी रेंज शुरू की। जल्द ही वह अफ्रीका की नंबर एक कंपनी बन गई। 

इस बढ़ती ख्याति का ही असर था कि भारत के सुब्रत राय सहारा की कंपनी ने भी दक्षिण अफ्रीका में व्यापार बढ़ाने के लिए गुप्ता बंधुओं से हाथ मिलाया। कम्‍प्यूटर के बाद गुप्ता बंधुओं ने कोल और गोल्ड माइनिंग में भी हाथ आजमाया। इसके बाद परिवार मीडिया के क्षेत्र में भी उतर गया जहां उन्होंने न्यूज ऐज नाम से अखबार शुरू किया और कई न्यूज चैनलों के भी मालिक बन बैठे। उनकी कंपनियों में दस हजार से ज्यादा इम्‍प्लायज काम करते हैं और और सालाना टर्नओवर 22 मिलियन डॉलर के करीब है।

परिवार ने रियल एस्टेट और शेयर मार्केट में भी अच्छा खासा निवेश किया। बिजनेस में मिलती सफलताओं के बीच गुप्ता बंधुओं का रसूख राजनीतिक क्षेत्र में भी बढ़ता गया। दक्षिण अफ्रीका के निवर्तमान राष्ट्रपति जैकब जुमा से उनके पारिवारिक संबंध हैं।

यहां तक की जुमा की पत्नी बोंगी नेगमा जुमा गुप्ता परिवार की माइनिंग कंपनी में निदेशक रही हैं तो उनकी बेटी दुदुजेल जुमा सहारा कम्‍प्यूटर में निदेशक और बेटा दुदुजेन जुमा गुप्ता परिवार की ही एक अन्य कंपनी में निदेशक हैं। 

गुप्ता बंधुओं के साथ दक्षिण अफ्रीका में कई बड़े विवाद भी जुड़े जिसमें देश की राजनीतिक में आतंरिक घुसपैठ और मंत्रीमंडल में नियुक्तियों को प्रभावित करना, जुमा की नजदीकियों का फायदा उठाकर कई बड़े कांट्रैक्ट हासिल करना आदि। हालांकि सबसे बड़ा विवाद उस समय हुआ जब अप्रैल 2013 में गुप्ता परिवार के फैमिली फंक्शन में शामिल होने भारत से एक प्लेन साउथ अफ्रीका पहुंचा था। गुप्ता फैमिली के 217 गेस्ट उस प्लेन में सवार थे।

जिसमें यूपी के उस समय के मंत्री शिवपाल यादव भी शामिल थे। अजय गुप्ता ने यह प्लेन प्रिटोरिया स्थित साउथ अफ्रीकन एयरफोर्स बेस वॉटरक्लूफ में उतरवा दिया था। विपक्ष ने इस मुद्दे को काफी तूल दिया था, जिसके चलते अफ्रीका की राजनीति में यह मामला गुप्तागेट नाम से कुख्यात हुआ।

इसके अलावा अन्य राजनीतिक हस्तियों से भी गुप्ता बंधुओं के अच्छे ताल्लुकात बताए जाते हैं। गुप्ता इससे इंकार भी नहीं करते। बीबीसी को दिए एक इंटरव्यू में अजय गुप्ता ने बताया था कि जैकब जुमा से उनकी मुलाकात दस साल पुरानी है जब वह उनके एक आउटलेट के उद्घाटन में आए थे। 

ऐसा नहीं है कि इस परिवार का रसूख सिर्फ अफ्रीका तक ही सीमित है, बल्कि भारत के भी कई बड़ी सेलीब्रेटीज से उनके अच्छे रिश्ते रहे हैं। चाहे वह राजनीतिक हस्तियां हों या बॉलीवुड और क्रिकेटर स्टार।

तीनों गुप्ता बंधु बेशक आज दक्षिण अफ्रीका में शिफ्ट हो गए हों, लेकिन पुराने शहर से उनका जुड़ाव बदस्तूर बना हुआ है। उनके बहनोई अनिल गुप्ता-बहन आंचल और अन्य रिश्तेदार आज भी सहारनपुर में ही रहते हैं। तीनों भाइयों को भी आना जाना यहां लगा रहता है।

अफ्रीका में बेशक उनके नाम के साथ फिलहाल विवादों की लंबी फेहरिस्त है लेकिन शहर में उनसे जुड़े लोग इससे इत्तेफाक नहीं रखते। सबसे छोटे भाई राजेश गुप्ता के साथ पढ़े मंसूर बदर बताते हैं कि तीनों भाइयों ने यहां तक पहुंचने के लिए बेइंतहा मेहनत और समर्पण किया है। लगातार काम करने के दबाव के कारण ही तीनों शुगर के मरीज हो गए। रायवाला मोहल्ले में भी ऐसे कई लोग मिल जाएंगे जो बड़े खुश होकर बताते हैं कि अतुल और अजय जब भी यहां आते हैं तो पैर छूकर उन्हें नमस्ते करते हैं।

हजारों मील दूर होने के बाद भी उनके दिल में सहारनपुर आज भी बसता है। कुछ साल पहले तीनों भाइयों ने मां अंगूरी देवी के नाम पर स्टेट बैंक कालोनी में वृद्धाश्रम भी शुरू किया था जो आज भी बदस्तूर चल रहा है। वृद्धाआश्रम के लिए कभी पैसे की दिक्‍कत न हो इसलिए दो करोड़ रुपये का बैंक में डिपोजिट करवाया गया जिससे उसके ब्याज से यहां का खर्चा चलता रहे। 

पिता शिव कुमार के नाम पर ही लाल दास के बाड़े में शिवधाम नाम से एक विशाल मंदिर बनवाया जा रहा है। जिसकी लागत 200-250 करोड़ के बीच है। कई एकड़ में तैयार हो रहे इस मंदिर का निर्माण अक्षरधाम मंदिर की तर्ज पर हो रहा है। 

मंदिर के साथ ही लड़कियों के लिए एक इंटर कालेज और शहर वासियों के लिए साइकिल ट्रैक भी बनवाया जा रहा है। मंसूर के अनुसार बिजली कटौती से जूझते सहारनपुर को इससे निजात दिलाने ‌के लिए अजय गुप्ता ने कूड़े से बिजली बनाने का संयत्र लगाने की प्लानिंग कर रखी है, जिस पर जल्द ही काम शुरू हो जाएगा।

गुप्ता बंधुओं को नजदीक से जानने वाले जैन डिग्री कालेज के स्पोर्ट्स ऑफिसर संदीप गुप्ता बताते हैं कि क्रिकेट को लेकर भी तीनों भाइयों में खासी दीवानगी है। कुछ साल पहले तक उनके पिता शिव कुमार गुप्ता के नाम पर सहारनपुर में एक जूनियर क्रिकेट टूर्नामेंट भी हुआ करता था जिसमें अजय या उनके दूसरे भाई अफ्रीका से आकर मौजूद रहते थे। 

साल 2002 में तो गुप्ता बंधुओं ने भारत दौरे पर आई पूरी दक्षिण अफ्रीका की टीम को विशेष तौर पर सहारनपुर बुलवा लिया था। इसके अलावा साल 2009 में जब ललित मोदी इंडियन क्रिकेट की सबसे ग्लैमरस लीग आईपीएल को दक्षिण अफ्रीका ले गए थे तो उसकी काफी हद तक व्यवस्‍था गुप्ता बंधुओं ने ही की थी। अफ्रीका में उनको लेकर बेशक घमासान मचा हो और बात गिरफ्तारी तक पहुंच चुकी हो लेकिन सहारनपुर में लोग आज भी उन्हें ईमानदार और मेहनती के तौर पर ही याद रखते हैं।
विज्ञापन
विज्ञापन
विज्ञापन
विज्ञापन
विज्ञापन
विज्ञापन

Disclaimer

अपनी वेबसाइट पर हम डाटा संग्रह टूल्स, जैसे की कुकीज के माध्यम से आपकी जानकारी एकत्र करते हैं ताकि आपको बेहतर अनुभव प्रदान कर सकें, वेबसाइट के ट्रैफिक का विश्लेषण कर सकें, कॉन्टेंट व्यक्तिगत तरीके से पेश कर सकें और हमारे पार्टनर्स, जैसे की Google, और सोशल मीडिया साइट्स, जैसे की Facebook, के साथ लक्षित विज्ञापन पेश करने के लिए उपयोग कर सकें। साथ ही, अगर आप साइन-अप करते हैं, तो हम आपका ईमेल पता, फोन नंबर और अन्य विवरण पूरी तरह सुरक्षित तरीके से स्टोर करते हैं। आप कुकीज नीति पृष्ठ से अपनी कुकीज हटा सकते है और रजिस्टर्ड यूजर अपने प्रोफाइल पेज से अपना व्यक्तिगत डाटा हटा या एक्सपोर्ट कर सकते हैं। हमारी Cookies Policy, Privacy Policy और Terms & Conditions के बारे में पढ़ें और अपनी सहमति देने के लिए Agree पर क्लिक करें।

Agree