Home Panchayat Meet Ranveer Singh Saini Who Has Won So Many Golds For India In Special Olympics

ये अॉटिस्टिक बच्चा भारत के लिए गोल्फ़ में कई गोल्ड मैडल जीत चुका है!

Apoorva Pandey/ firkee.in Updated Tue, 21 Feb 2017 02:19 PM IST
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s - फोटो : google
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अॉटिज़्म के बारे में भारत में अभी भी बहुत कम लोग जानते हैं। अक्सर अॉटिज़्म से ग्रसित बच्चों को आम ज़िंदगी जीने में बहुत मुश्किल होती है। ये बच्चे दूसरे बच्चों के साथ घुल-मिल नहीं पाते हैं और इनके लिए स्पेशल स्कूल होते हैं। लेकिन गुरुग्राम के रणवीर सिंह सैनी को बीते रविवार भीम अवॉर्ड से सम्मानित किया गया। ये अवॉर्ड मिनिस्ट्री ऑफ़ यूथ अफेयर्स की तरफ़ से उन युवाओं को दिया जाता है जिन्होंने खेल में शानदार प्रदर्शन किया होता है।

रणवीर के केस में एक ख़ास बात ये है कि वो भी अॉटिज़्म से पीड़ित हैं लेकिन देश के लिए गोल्ड जीत चुके हैं।
 

रणवीर जब 2 साल के भी नहीं हुए थे तभी उनके मां-बाप को पता चला की वो एक ऑटिस्टिक चाइल्ड हैं। 9 साल की उम्र तक रणवीर का कोई दोस्त नहीं था। तभी उनके पिता ने उन्हें गोल्फ़ खेलने के लिए प्रोत्साहित किया। रणवीर के पिता कार्तिकेय सैनी स्कॉटिश हाई इंटरनेशनल स्कूल के चेयरमैन हैं। रणवीर भी इसी स्कूल के छात्र हैं। कार्तिकेय ने रणवीर का दाख़िला डीएलएफ़ गोल्फ़ एंड कंट्री क्लब में करवा दिया। 

रणवीर को गोल्फ़ सिखाने की ज़िम्मेदारी अनित्य चंद को दी गई। अनित्य कहते हैं कि शुरू के दिनों में उन्हें रणवीर से बात करने में बहुत परेशानी होती थी। आधे समय वो अपने आस पास घूम रही चिड़ियाओं और मोर को निहारा करता था। इसके बाद से रणवीर के पेरेंट्स ने एक मध्यस्थ की भूमिका निभानी शुरू कर दी। हर दिन रणवीर के साथ उसके माता-पिता में से कोई एक गोल्फ़ क्लासेज में आने लगे। वो अनित्य की बातों को रणवीर को समझाते और फिर धीरे-धीरे रणवीर और अनित्य एक दूसरे को समझने लगे।
 

रणवीर ने सबसे पहले मकाउ में होने वाली स्पेशल ओलंपिक्स गोल्फ़ मास्टर्स में हिस्सा लिया। वहां उन्होंने 2 गोल्ड जीते। अगले साल उन्होंने एक बार फिर गोल्ड मैडल हासिल किया। अनित्य कहते हैं कि जब उन्होंने देखा कि रणवीर खेल में अच्छा प्रदर्शन कर रहे हैं तो उन्होंने रणवीर के खेलने के लिए देश में होने वाली प्रतियोगिताओं (स्पेशल बच्चों के लिए) के बारे में पता किया। उन्हें ऐसी किसी प्रतियोगिता की जानकारी नहीं मिली। फिर उन्होंने रणवीर को स्पेशल ओलंपिक्स के लिए तैयार करना शुरू किया।

रणवीर ने 2015 में लॉस एनजेलेस में हुए स्पेशल ओलंपिक्स में भारत के लिए गोल्ड मैडल जीता। आज रणवीर को गोल्फ़ खेलने के अलावा खाना बनाने और संगीत सुनने का शौक है। इसके अलावा वो दिन के 5 घंटे गोल्फ़ की प्रैक्टिस में बिताते हैं। इसके अलावा वो अपने आई-पैड पर बड़े गोल्फ़ खिलाड़ियों का वीडियो देखना पसंद करते हैं। रणवीर की मां बख्तावर सैनी कहती हैं कि रणवीर किसी तरह से स्कूल की पढ़ाई कर लेता है लेकिन हम चाहते हैं कि वो गोल्फ़ पर अधिक ध्यान दे क्योंकि अॉटिज़्म के साथ फिजिक्स, केमिस्ट्री जैसे सब्जेक्ट पढ़ना कठिन होता है।

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