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उन्हें रिस्क लेना बखूबी आता है और कर्मठता उन्हें विरासत में मिली है। उनके एक कदम ने भारत में टेलीकॉम इंडस्ट्री में उथल-पुथल मचा दी और जो कंपनियां अपनी सेवाओं के एवज में ग्राहकों से मनमानी कीमतें वसूल रही थीं, उनकी की अक्ल ठिकाने लगा दी। मुकेश अंबानी के 'जियो' की धमक फोर्ब्स तक पहुंची है और वह अब पासा पलटने वाले यानी गेम चेंजर कारोबारियों की फेहरिस्त में नंबर एक पर काबिज हो गए हैं।
पत्रिका की पासा पलटने वाली सूची में उन 25 ‘साहसी व्यवसायियों’ को शामिल किया गया है, जिन्होंने करोड़ों लोगों के जीवन को अपनी सेवाओं से प्रभावित किया है।
पत्रिका में लिखा गया है कि ये व्यवसायी न तो चुप बैठ सकते हैं और न ही यथास्थिति से संतुष्ट, बल्कि हमेशा अपने उद्योग धंधों में कुछ नया करते रहते हैं, जिससे दुनियाभर में करोड़ों लोगों के जीवन में बदलाव आता है।
60 वर्षीय मुकेश अंबानी इस लिस्ट में टॉप पर पहुंचे हैं। भारत में आम लोगों तक इंटरनेट को पहुंचाने के पासा पलटने वाले उनके प्रयासों के लिये उन्हें सूची में यह स्थान मिला है।
फोर्ब्स ने लिखा है, ‘तेल एवं गैस क्षेत्र के प्रमुख उद्योगपति ने देश के दूरसंचार बाजार में जोरदार ढंग से प्रवेश किया। उन्होंने (मुकेश अबानी) काफी सस्ते दाम पर लोगों को तेज इंटरनेट उपलब्ध कराया और छह महीने में ही 10 करोड़ ग्राहकों को अपने साथ जोड़ा। इससे दूरसंचार बाजार में सुदृढ़ीकरण की लहर सी चल पड़ी।’