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दुनिया के सबसे सनकी तानाशाह से भरे बैठे दुनिया के सबसे ताकतवर राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रंप सीधे नहीं निपट पा रहे हैं और ड्रैगन को चिढ़ा रहे हैं। उत्तर कोरिया का तानाशाह किम जोंग उन अमेरिकी धमकियों के बावजूद एक के बाद एक बैलिस्टिक मिसाइल टेस्ट को अंजाम दे रहा है। उन के इशारे पर एक के बाद एक सात मिसाइल टेस्ट हो चुके हैं, लेकिन उन की बदकिस्मति कहिए या दुनिया की खुशकिस्मती कि आखिरी वाला मिसाइल टेस्ट भी फेल साबित हुआ। उधर सनकी शासक के चाल-चलन, भरे बैठे ट्रंप और इराक-सीरिया में रूस के स्टैंड को देखते हुए भविष्यवेत्ता तीसरे विश्व युद्ध की भविष्यवाणी कर रहे हैं। एक ने तो वाकायदा तारीख भी बताई... 13 मई। लेकिन इस सब के बीच एक चीज हैरान करती है, वो यह कि ट्रंप चीन से कह रहे हैं कि उसके होते हुए उत्तर कोरिया अपनी हरकतों से बाज नहीं आ रहा है। आखिर मामला क्या है, आगे की स्लाइड में पढ़ें...
उत्तर कोरिया ने कुछ दिन पहले कही अपनी बात पर अमल किया और हर हफ्ते परमाणु परीक्षण करने की बात सच साबित हुई। तानाशाह किम जोंग उन के आदेश पर उत्तर कोरिया ने बैलिस्टिक मिसाइल का परीक्षण किया। यह सातवीं बार है, जबकि उत्तर कोरिया ने मिसाइल परीक्षण किया है।
दक्षिण कोरिया की सेना और पेंटागन की ओर से की गई पुष्टि के अनुसार, उत्तर कोरिया ने शनिवार सुबह साढ़े दस बजे के करीब मध्यम दूरी तक मार करने वाली केएन-17 बैलिस्टिक मिसाइल को मोबाइल से लांच किया। हालांकि वह अपनी कोशिशों में कामयाब नहीं हो पाया और मिसाइल जापान सागर तक भी नहीं पहुंची।
उत्तर कोरिया की ओर से इस बारे में अभी तक को जानकारी नहीं दी गई है लेकिन उसके इस कदम से कोरियाई प्रायद्वीप में तनाव चरम पर पहुंच गया है। दक्षिण कोरिया के सेना प्रमुख के मुताबिक, शनिवार सुबह मिसाइल को प्योंगयांग प्रांत के परीक्षण स्थल से लांच किया गया।
उत्तर कोरिया ने संयुक्त राष्ट्र में कहा था कि वह हर हफ्ते ऐसे परीक्षण करेगा, जिसकी शुरुआत हो गई है। वहीं, मिसाइल परीक्षण के बाद चीन के विदेश मंत्री वांग यी ने अपने अमेरिकी समकक्ष रेक्स टिलरसन के साथ वार्ता की। इस दौरान कोरियाई प्रायद्वीप के परमाणु निरस्त्रीकरण की ‘चुनौतियों’ से निपटने के लिए सहयोग पर भी चर्चा की गई।
मामले पर अमेरिकी राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रंप ने ट्वीट कर कहा है कि इस मिसाइल परीक्षण से चीन का अपमान हुआ है। यह बेहद बुरी बात है। चीन ने उत्तर कोरिया से मिसाइल परीक्षण न करने और परमाणु कार्यक्रम को बंद करने को कहा था।
पाबंदी और धमकियां दूर की कौड़ी साबित होंगी : उत्तर कोरिया
संयुक्त राष्ट्र में उत्तर कोरिया के उप राजदूत का कहना है कि अमेरिका की सैन्य कार्रवाई और पाबंदियों की धमकी देकर उसके परमाणु हथियार कार्यक्रम को त्यागने पर मजबूर करने की कोशिश दूर की कौड़ी साबित होगी। किम इन रयॉन्ग ने शुक्रवार को कहा कहा कि उत्तर कोरिया का परमाणु हथियार कार्यक्रम कभी भी राजनीतिक मोलभाव और आर्थिक सौदों का हिस्सा नहीं रहा है। उत्तर कोरिया ऐसी किसी भी वार्ता में शामिल नहीं होगा जिसमें उसके परमाणु परित्याग और परमाणु विघटन पर चर्चा होगी।