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'एंटी रोमियो स्कॉवड' का नाम तो इन दिनों हर किसी के जबान पर चढ़ा हुआ है। दरअसल इसका गठन नई यूपी सरकार ने मनचलों पर नकेल कसने के लिए किया है। दिनदहाड़े लड़कियों को छेड़ने वाले लोगों के खिलाफ ये मुहीम चलाई जा रही है। लेकिन क्या आप जानते हैं कि इस दल का नाम 'एंटी रोमियो स्कॉवयड' ही क्यों रखा गया जबकि रोमियो तो मनचला था ही नहीं वो तो एक सच्चा प्रेमी था। उसने जूलियट के प्यार में अपनी जान की भी परवाह नहीं ही फिर ये नई सरकार रोमियो को मनचलों से कैसे जोड़ रही है। देखा जाए तो रोमियो तो वेस्ट का सलीम था। जी हां, वो सलीम जो अनारकली से बेहद प्यार करता था।
एंटी रोमियो दल जिस मुद्दे को ध्यान में रख कर बनाया गया है उसका सीधा मतलब मनचलों से लड़कियों को भयमुक्त माहौल दिलाना है। लेकिन हर मनचले को 'रोमियो' नाम देना भी गले से नीचे नहीं उतर रहा है और सही कहा जाए तो मनचलों को रोमियो नाम देना मतलब 'सलीम' के प्रेम पर फब्तियां कसना है।
आप लोगों ने मुग़ल-ए-आज़म ज़रूर देखी होगी। उसे देखते हुए आप सभी को सलीम और अनारकली से सहानुभूति हुई होगी। सलीम ने अनारकली के लिए अपने पिता से बगावत कर दी थी। लेकिन इसके बावजूद सलीम और अनारकली कभी मिल नहीं सके।
आपने रोमियो की कहानी सुनी है? साहित्य के शौक़ीन लोगों ने किसी न किसी भाषा में शेक्सपियर के इस नाटक को ज़रूर पढ़ा होगा और कईयों ने इसका मंचन भी देखा होगा। रोमियो और जूलियट एक दूसरे से प्यार करते थे और उनके परिवार आपस में दुश्मन थे। उन्होंने एक होने की भरसक कोशिश की लेकिन अफ़सोस की वो एक साथ नहीं आ सके। लेकिन दोनों मिले वो भी स्वर्ग में। इस ज़ालिम दुनिया ने उन्हें एक नहीं होने दिया।
अब बात ये है कि ये जमाना दो प्रेम करने वालों का दुश्मन सदियों से रहा है। दो प्रेम करने वालों के बीच में एक अखंड संस्कृति आ जाती है, जमाने की लोक लाज आ जाती है। अब हर प्रेम करने वाला रोमियो नहीं बन सकता। न ही एक मनचला कभी रोमियो बन सकता है तो फिर कैसा 'एंटी रोमियो दल'। साहित्य की एक ऐसी प्रेम कहानी जिसके बिना हर एक प्रेम कहानी अधूरी है उसका एक बेमिशाल नाम है 'रोमियो'।
रोमियो और जूलिएट की कहानी प्राचीन काल की एक रोमांचक कहानी है। रोमियो और जूलिएट एक पार्टी के दौरान एक दूजे के प्यार में पड़े। लेकिन वे दोनों उन परिवार से थे जो एक दुसरे से नफरत करते थे। उन्हें पूरी जानकारी थी कि उनके परिवार वाले उन्हें शादी नही करने देंगे। फिर भी, उन्होंने फ्रिअर लॉरेंस की मदद से चुपके से शादी कर ली।
जूलिएट के माता-पिता ने जूलिएट को पेरिस से शादी करने के लिए कहा। लेकिन जूलिएट के मां-पिता को नही पता था कि जूलिएट ने पहले से रोमियो से शादी कर ली है। शुरू-शुरू में जूलिएट ने शादी करने से मना कर दिया क्योंकि जूलिएट ने अपनी मौत का बहाना बनाकर रोमियो के साथ भागने की योजना बना रखी थी, यह योजना भी उन्होंने फ्रिअर लॉरेंस के साथ मिलकर ही बनायी थी।
फ्रिअर लॉरेंस ने ही पूरी योजना निर्धारित कर रखी थी। उन्होंने जूलिएट को नींद की दवा दे रखी थी। जिससे ऐसा लगे की उसकी मौत हो चुकी है और फिर उसे मकबरे में डाला जा सके। जबकि रोमियो को इस योजना के बारे में कुछ पता नही था, वह गंभीर बनकर वहां पंहुचा और रोमियो को लगा की जूलिएट सच में मर गयी है और ऐसा सोचते हुए रोमियो ने खुद की भी हत्या कर ली। और जब जूलिएट को होश आया तब उसने पाया कि रोमियो मर चूका है और फिर जूलिएट ने भी खुद को मार डाला।
'सलीम और अनारकली' हर प्यार करने वालों को इन दो नामों को उदाहरण के तौर पर दिया जाता है। अनारकली एक मूर्तिकार की बेटी थी और बेहद सुंदर थी। अकबर इस प्रेम के खिलाफ थे। अनारकली के प्रेम में पागल शाहजादा सलीम ने अपने पिता के खिलाफ बगावत तक कर दी। कहा जाता है कि दरियादिल माने जाने वाले मुगल सम्राट ने अनारकली को जिंदा दीवार में चुनवा दिया गया। मुगले-आजम जैसी फिल्म ने इस प्रेम कथा को अमर कर दिया।
हालांकि इन प्रेम कहानियों का सिर्फ चित्रण ही हमनें देखा है, न जानें कितनी ही प्रेम कहानियां सिर्फ अफसाने ही बन कर रह गईं। लेकिन इन अफसानो को आज भी समाज एक बेमिशाल प्रेम कहानी के रूप में मानता है।