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चीन की सेना यानी नन्हे-मुन्नों की फौज। जब नन्हे मुन्ने घर में किसी चीज की मांग करते हैं और उन्हें लगता है कि वो उन्हें नहीं दिया जा रहा तो वो जमीन में लेट जाते हैं..जोर-जोर से रोने लगते हैं..घर में बड़े बुजुर्गों से शिकायत करने पहुंच जाते हैं। कुछ ऐसा ही हाल है चीनी सेना के नन्हे-मुन्नों का।
कभी डोकलाम तो कभी रोहतांग पास तो कभी दक्षिण चीन महासागर में अपनी ताकत दिखा कर खुद ही बलशाली माने बैठा है और खुद ही खुश होता रहता है। कमाल है छोटी-छोटी मिचमिची आंखों वाली चीनी सेना अब हमें आंख दिखा रही है।
अब मिचमिची आंख वाले इस बूढे हो चले चीन को कौन बताए कि उसके सामने खड़ा भारत युवाओं का जवां देश है। जहां लोग जोश में होश नहीं खो रहे हैं बल्कि एक व्हाट्स एप मैसेज भेज कर चीन के सामान का रातों रात बहिष्कार कर देता है।
अब जरा इकोनोमी की बात करें तो भले ही पूरे विश्व में मेड इन चाइना की धूम रही हो लेकिन वो असर भी लोगों के दिलों दिमाग से खत्म हो रहा है। घरेलू इकॉनोमी में लगातार गिरती जा रही है। बेरोजगारी से पूरा देश बेहाल है तो भाई चीन जरा संभल कर।
अब जरा भारत की तरफ देखो चीन तुम्हारी हरकतों को वो सीरियसली नहीं ले रहा है। तुम्हारे हथकंडे अब उसके सामने चल नहीं रहे हैं। चीन घर के उस बुजुर्ग की तरह बार-बार धमकी दे रहा है मैं ये कर दूंगा, मैं वो कर दूंगा...अब जब दाल नहीं गलती दिखी, तो चीनी सेना के सेनाधिपति भारतीय पत्रकारों का सहारा लेने की जुगत में दिखाई दिए। चीनी सरकार भारतीय पत्रकारों को बीजिंग की छावनी ले गई और पत्रकारों को कहा कि चीनी सैनिक जो सोच रहे हैं आप रिपोर्ट कर सकते हैं।
अरे भाई भले हम हिंदी चीनी भाई भाई कहते हैं लेकिन भारतीय पत्रकारों को छावनी दिखा कर कुछ हासिल नहीं होगाो। पत्रकार तुम्हारा युद्ध कौशल देख कर भारतीय सेना को आपकी बारीकी ही बताएंगे डराएंगे नहीं ...अरे भाई चीनी... आप अगर भारत को 1962 वाला भारत माने बैठे हैं तो संभल जाइए क्योंकि 62 से अबतक ब्रह्मपुत्र में बहुत पानी बह चुका है।
भारत एक शक्तिशाली देश है जो दुनिया को राह दिखा रहा है। अब तुम जरा अमेरिका, ऑस्ट्रेलिया व जापान से निपट लो। क्योंकि दक्षिण चीन सागर में जो द्वीप बनाया है उसपर इन महाशक्तियों की नजर है। सिर्फ दावा करने से दक्षिण चीन सागर तुम्हारा नहीं हो जाएगा। अब तुम पापा भारत से डरते हो ये मान लो।
क्योंकि हम फेसबुक, ट्वीटर पर युद्ध करेंगे और बिना एक सैनिक के ही हम युद्ध जीत जाएंगे। क्योंकि अगर भारत ने सिर्फ चीन के सामान को न कह दिया तो तुम्हारे यहां हाहाकार मच जाएगा और तुम भूल जाते हो आजकल सारी जंग फेसबुक और ट्वीटर पर लड़ी जाती है। और इसी पर जीत और हार भी होती है..इस जीत और हार के लिए गोली चलाने की मैदान में हथगोले फेंकने की जरूरत नहीं पड़ती है..हम सबसे यंग देश हैं और सारे के सारे फेसबुक पर बड़े बड़े युद्ध लड़ रहे हैं।