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हम हिंदुस्तानियों में प्यार कूट-कूटकर भरा होता है, इतना... कि हम प्यार की खातिर किसी-किसी को कूट भी देते हैं। कुटने और कूटे जाने का साइड इफेक्ट ये हुआ कि फिल्म दबंग में सोनाक्षी सिन्हा को सलमान से बोलना पड़ा- थप्पड़ से नहीं, प्यार से डर लगता है साहब। सोनाक्षी की इस बात में उतनी ही सच्चाई है, जितनी कूटे जाने के बाद होने वाले दर्द में होती है।
लेकिन अब प्यार और उसकी खातिर कूटे जाने का दर्द इंसानों तक सीमित नहीं रहा, गाय माता तक को झेलना पड़ रहा है।
पिछले कुछ समय से गाय माता के प्रिय लाड़लों (गोरक्षकों) ने उनसे इतना प्यार किया है कि उनकी खातिर क्या ट्रंक, क्या टेंपू, जो मिला फोड़ दिया। तस्करी करने वालों के हाथ पैर तोड़ दिये, या उन्हें कूट-कूटकर टपका दिया। इतना प्यार अब यूपी की एक गाय माता पर भारी पड़ रहा है। वह बीमार है, आधे शरीर में लकवा मार गया है, लेकिन अस्पताल नहीं जा पा रही है। क्योंकि अस्पताल सैकड़ों मील दूर है और ट्रक-टेंपू वालों को गाय माता के प्रति गोरक्षकों का प्यार खौफजदा कर रहा है।
गाय माता अगर बोल पातीं तो शायद आज की स्थिति पर वह भी फिल्म दबंग का डायलॉग- 'प्यार से डर लगता है साहब' बोल ही देतीं।
गाय के प्रति प्यार होना अच्छी बात है, लेकिन इससे खौफ का स्तर इतना बढ़ जाए कि उसे इलाज भी न मिल सके तो यह बात ठीक नहीं लगती है। यह कहीं न कहीं शासन-प्रशासन के इकबाल पर सवाल खड़ा करती है। इस लड़की की गाय भी अब उसे प्यार किये जाने की सजा भुगत रही है। लड़की प्रधानमंत्री, मुख्यमंत्री से लेकर कई मंत्रियों से मदद मांग चुकी है, लेकिन नतीजा सिफर है।
मीडिया रिपोर्ट्स के मुताबिक उत्तर प्रदेश की 24 वर्षीय ज्योति ठाकुर 13 नवंबर से प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी, गृहमंत्री राजनाथ सिंह, मुख्यमंत्री योगी आदित्य नाथ, केंद्रीय कपड़ा मंत्री स्मृति ईरानी, विदेश मंत्री सुषमा स्वराज और भाजपा अध्यक्ष अमित शाह से अपनी गाय के लिए मदद मांग रही हैं। ज्योति ने ट्वीट कर सबसे मदद मांगी है।
लड़की की मानें तो वह अपनी लकवाग्रस्त गाय को मेरठ से बरेली के भारतीय पशु चिकित्सा अनुसंधान संस्थान (आईवीआरआई) ले जाना चाहती है। लेकिन गोरक्षकों के डर से कोई भी ड्राइवर गाय को ले जाने के लिए तैयार नहीं हो रहा है।
ज्योति ट्वीट कर नेताओं से मदद की गुहार लगा रही हैं, लेकिन अभी तक कहीं से कोई आश्वासन नहीं मिला है। इससे पहले क्षेत्रीय स्तर पर भी ज्योति ने प्रशासन से मदद मांगी थी, लेकिन मायूसी ही हाथ लगी।
अपने ट्वीट में ज्योति बताती हैं- ‘मेरी गाय मोनी 28 अक्टूबर को बीमार हो गई। एक निजी डॉक्टर से उसका इलाज कराया। लेकिन दो दिन बाद मोनी अचानक जमीन पर गिर गई। तब मैं उसे सरकारी हॉस्पिटल लेकर गई। लेकिन वहां भी कोई फायदा नहीं हुआ। डॉक्टर ने मुझे आईवीआरआई जाने की सलाह दी, क्योंकि उनके पास न तो एक्सरे करने के उपकरण हैं और न ही विशेष प्रकार के इलाज के लिए कोई सुविधा है।
अरे भई, प्यार करिये, अच्छी बात है, लेकिन ऐसा मत करिये कि प्यार और खौफ में अंतर न रह जाए।