Home Panchayat See How Much Money Was Used In This Mla S Wedding Who Proposed Bill Against Wedding Expences

अपनी शादी में चार्टर्ड प्लेन से आई थीं, अब कहती हैं 'शादी पर कम खर्च करो'

Apoorva Pandey/ firkee.in Updated Fri, 17 Feb 2017 05:04 PM IST
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s - फोटो : google
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एक एम एल ए हैं, रंजीत रंजन। शायद आपने इनका नाम न सुना हो लेकिन इनके पति पप्पू यादव का नाम ज़रूर सुना होगा। ये हार्ले डेविडसन से चलती हैं और शादी में कम पैसे खर्च करने को बोलती हैं। असल में इन्होंने कुछ समय पहले इन्होंने लोक सभा में एक बिल प्रपोज़ किया जिसमें शादी पर किये जाने वाले खर्च पर लगाम लगाने की बात कही गई थी।

इनके इस कदम की लोगों ने खूब सराहना की। लेकिन अब 1994 में हुई इनकी शादी चर्चा का विषय बन गई है। लोग कह रहे हैं कि बड़ी-बड़ी बातें करने वाली रंजीत की शादी में पैसा पानी की तरह बहाया गया था। 
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जब इन्होंने संसद में ये बिल पेश किया था तो कहा था कि आजकल शादियों में दिखावा बहुत बढ़ गया है। इसका परिणाम ये होता है कि इस चक्कर में गरीबों पर भी अधिक पैसे खर्च करने का सामाजिक दबाव बढ़ जाता है। इस पर ध्यान देने की ज़रूरत है क्योंकि ये एक सामाजिक बुराई का रूप ले रहा है।

अब इनकी खुद की शादी विवादों में घिरती नज़र आ रही है। ऐसा कहा जा रहा है कि 1994 में हुई इनकी शादी में भी खूब पैसा उड़ाया गया था। ये अपनी शादी में अपने पूरे परिवार के साथ चार्टर्ड प्लेन में पूर्णिया पहुंची थीं। इस शादी में पूरे शहर को न्योता भेजा गया था और करीब 1 लाख लोगों ने इसमें हिस्सा लिया था।

 
मेहमानों के लिए शहर के सारे होटल और गेस्ट हाउस बुक कर लिए गए थे। पूर्णिया डेवलपमेंट अथॉरिटी के मेयर संतोष यादव का कहना है कि इस शादी के लिए पूर्णिया कॉलेज और एअरपोर्ट ग्राउंड की  200 एकड़ की ज़मीन का इस्तेमाल किया गया था। खानसामों को भी दूसरे शहरों से बुलाया गया था।

वहीं रंजीत का कहना है कि ये सारा इंतज़ाम उनके ससुराल वालों की तरफ़ से किया गया था और उनके अपने परिवार राजनीति से कोई लेना-देना नहीं। उन्होंने ये भी कहा कि जब वो लोक सभा में बिल पेश करेंगी तो अपनी शादी का ज़िक्र ज़रूर करेंगी।
 

कुल मिलाकर ये तो वही बात हो गई कि जो काम इन्होंने खुद कर रखा है वो ये सबसे करने को मना कर रही हैं। अभी भी ये बहुत महंगी बाइक से चलती हैं।

जो भी हो इन्होंने जिस बिल की बात की है वो तो एक बहुत अच्छी पहल है। लेकिन देखना ये होगा कि शादियों में की जाने वाली फ़िज़ूलखर्ची को रोकने में ये बिल किस हद तक सफल होता है।
 

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