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'रुस्तम' फिल्म याद होगी आपको। वही फिल्म जिसमें रुस्तम पावरी का किरदार निभाकर अक्षय कुमार को इस साल का वेस्ट एक्टर का नेशनल अवॉर्ड मिल गया। इस फिल्म में अक्की की एक आदत और एक जवान की एक बात में सौ फीसदी समानता नजर आ रही है। लेकिन रील लाइफ को बॉक्स ऑफिस पर हिट कराने वाली ऑडियंस क्या इस जवान के प्रति भी उतनी ही सहानुभूति रखेगी, यह देखने वाली बात होगी। फिल्म के एक सीन में अक्षय कुमार अदालत में बैठे हैं और वकील उनसे सवाल पूछता है- ''कमांडर रुस्तम पावरी यूनीफॉर्म में बैठे हैं, जब खून करके उन्होंने अपने आप को सरेंडर किया था, तब भी ये यूनीफॉर्म में थे। यूनिफॉर्म का पूरा इस्तेमाल कर रहे हैं।'' इस बात का जवाब रुस्तम देता है- ''मेरी यूनिफॉर्म मेरी आदत है। जैसे कि सांस लेना, अपने देश की रक्षा करना, बेझिझक निस्वार्थ अपना फर्ज निभाना, मैंने कोई खून नहीं किया, ये बात आपके सामने मैं नहीं खुद प्रॉसिक्यूशन साबित करेगा।'' अब इसी अंदाज में इस रियल लाइफ हीरो ने भी अपने मंसूबे जाहिर कर दिए हैं।
अब इस जवान की सच्ची कहानी देश भर के सामने होगी। हो सकता है कि इस जवान के नाम से अब भी बहुत से लोग वाकिफ न हों, लेकिन चेहरे से शायद बच्चा-बच्चा इसे जानने लगा है। वजह बनी है सोशल मीडिया। कुछ ही दिनों पहले जवानों के साथ हो रही ज्यादती की पोल सोशल मीडिया पर खोल यह जवान सुर्खियों में आया था। जी हां, हम बात कर रहे हैं तेज बहादुर की।
तेज बहादुर बीएसएफ से बर्खास्त कर दिए गए हैं। तेज बहादुर ने बीएसएफ जवानों को दिए जाने वाले घटिया खाने के बारे में आवाज बुलंद की थी। उन्होंने मोबाइल से एक वीडियो बनाकर सोशल मीडिया पर अपलोड किया था जो बाद में वायरल हुआ और सेना के साथ-साथ सियासी महकमे की नींद उड़ गई।
हालांकि वीडियो आने के बाद उम्मीद तो यह की जा रही थी कि प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी का ध्यान सेना में हो रही गड़बड़ियों के तरफ जाएगा, गया भी होगा, लेकिन तेज बहादुर को नौकरी गंवानी पड़ गई। अब यह जवान सरकार से इंसाफ की मांग कर रहा है, और ऐसा न होने की सूरत में कोर्ट का दरबाजा खटखटाने को मजबूर है। तेज बहादुर का कहना है कि वह न्यायालय में सेना की वर्दी में ही जाएंगे।
बर्खास्तगी के बाद तेज बहादुर जैसे ही हरियाणा के रेवाड़ी स्थित अपने आवास पहुंचे तो पत्नी और अपने करीबियों की मौजूदगी में मीडिया से मुखातिब हुए। तेज बहादुर ने कहा कि वह दिल्ली हाईकोर्ट का दरवाजा खटखटाएंगे।
इस दौरान तेज बहादुर ने तमाम चौंकाने वाली बातें कहीं। उन्होंने कहा कि अपने वीडियो अपलोड वाले प्रकरण को शहीदे-आजम भगत सिंह की याद दिलाते हुए बयां किया। उन्होंने कहा कि उन्होंने कुछ भी गलत नहीं किया है, बस भगत सिंह की तरह ही अंधे-बहरों को जगाने के लिए उस वीडियो के जरिए बम फोड़ा था। उन्होंने अपनी आपबीती भी बताई और कहा कि वीडियो वायरल होने के बाद उन्हें गिरफ्तार कर अंडर कस्टडी रखा गया।
तेज बहादुर ने मीडिया से कहा कि सेना सभी अधिकारी भ्रष्ट नहीं हैं, लेकिन 50 फीसदी अधिकारी खराब खाने के लिए जिम्मेदार हैं। हालांकि उन्होंने यह भी बताया कि वीडियो प्रकरण के बाद से जवानों को मिलने वाले खाने में कुछ सुधार आया है। उन्होंने कहा कि यह खुशी की बात है लेकिन उनके साथ हुए अन्याय से वह दुखी हैं।
तेज बहादुर ने 9 जनवरी 2017 को जम्मू में सीमा पर तैनाती के दौरान वीडियो बनाकर सोशल मीडिया में डाला था। अब तेज बहादुर का कहना है कि उन्हें पूरी न्यायपालिका पर न्याय मिलने की पूरी उम्मीद और भरोसा है।