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भारतीय समाज में कहा जाता है कि जो शख्स अच्छे गुणों को आपकी रुह में भर दे, वही गुरु होता है। गुरु आपको जीवन का पाठ पढ़ाता है। इसीलिये भारत में गुरु को भगवान से भी ऊपर का दर्जा दिया गया है। इसके लिए पुराना दोहा बड़ा मशहूर है कि 'गुरु और गोविंद दोऊ खड़े, काके लागौ पांय, बलिहारी गुरू आपने गोविंद दिओ बताय...।'
लेकिन घोर व्यवसायीकरण के दौर से गुजर रही भारतीय शिक्षा व्यवस्था में गुरु... गुरु नहीं रहे। शराबी हो गए हैं। आधुनिक गुरुओं यानी टीचरों का पान-बीड़ी सिगरेट तो आम है, लेकिन ये मास्टर साहब उनसे दो 10 कदम आगे निकल गए और बच्चों से भरी कक्षा में ही शराब पीकर पहुंच गए। गुरु जी को नशे में धुत देखा तो बच्चों ने भी उनकी मौज ले ली।
छोटे-छोटे बच्चे पढ़ाई लिखाई छोड़कर गुरु जी को घेर कर खड़े हो गए और तस्वीरें खिंचवाई। कोई बच्चा उनकी लटकी गर्दन का सहारा देता तो कोई उन्हें सीधे बैठाने में मशक्कत करता। समाचार एजेंसी एएनआई ने नशे में धुत टीचर का वीडियो डाला। मामला उत्तर प्रदेश के बिल्हौर के निवादा गांव स्थित एक सरकारी प्राइमरी स्कूल का है।
मीडिया रिपोर्ट्स के मुताबिक शराब पीकर आने वाले टीचर इस स्कूल के हेड मास्टर हैं। इन्हें इस हालत में देखकर लगता है कि स्कूल अब सरकार नहीं, राम भरोसे है।