विस्तार
ये तो आपने सुना होगा कि आवश्यकता अविष्कार की जननी होती है लेकिन जब आवश्यकता ही गैरजरूरी हो तो अविष्कार भी उसी स्टैंडर्ड का होता है। अब नीचे जिन अविष्कारों के बारे में आपको बता रहे हैं वो देखकर आपका दिमाग हिल जाएगा। पहले तो आप ऐसी चीजों का इस्तेमाल नहीं करेंगे और करेंगे भी तो अपने सिर फजीहत मोल लेंगे। तो चलिए देखा जाए, महाशयों ने किन बेमतलब के सामानों में अपना दिमाग खपाया है।
जैसा कि आप तस्वीर में देख पा रहे हैं, इस स्कार्फ से आपकी प्राइवेसी तो बच जाएगी लेकिन आजू-बाजू वाले लोग ये पक्का समझ जाएंगे कि इतना छिपा के आप कर क्या रहे हैं। सबसे बड़ी बात ये है कि आपको ये भी पता नहीं चलेगा कि कब कौन आपकी कनपटी पे चपत लगाकर निकल गया।
छतरी वाले जूते कौन पहनता है भाई, इन जूतों को ऐसे बनाया गया है कि ताकि इनमें छतरी लग सके। लेकिन छतरी लग जाने के बाद ये ऊपर से दिखेंगे भी नहीं। अब जब इतना ही संभालना होगा अपने जूतों को, तो कोई पहनेगा क्यों?
ये जूते उन लोगों के लिए बनाए गए हैं जिनके पैरो से भयानक बदबू आती है। जूते में नीचे एग्जॉस्ट फैन लगे हुए हैं, इनको चलाते ही ये सारी बदबू बाहर निकल जाएगी। जूतों में इतना सिस्टम लगा हुआ है कि पैर के नीचे पूरी मशीनरी लगी हुई है। सुनने में तो बड़ा अच्छा लग रहा है लेकिन डाउट है, कोई इस तरह के जूते पहनकर अपनी हंसी उड़वाएगा।
आइपैड सुना होगा, आइफोन सुना होगा.... लेकिन शायद ही आपने आइपॉट्टी के बारे में सुना होगा। ये उन बच्चों के लिए है, जो पॉट्टी करने के नाम पर टाल-मटोल करते हैं। इस छोटे से कंमोड में टैबलेट लगा हुआ है। मतलब बच्चा जब पॉट्टी करने बैठे तो उसका दिल लगा रहे।
ऐसे ब्रेड पर बटर लगाते हुए आपको महसूस हो सकता है कि आप ब्रेड पर गोंद लगा रहे हैं। मन ही नहीं करेगा खाने का।
आंख में दवाई डालना किसी रोडीज टास्क से कम नहीं होता है। अपनी ही आंख में किसी बूंद को डालना बड़ा मुश्किल काम होता है। आधे से ज्यादा आईड्रॉप तो आंखों के किनारे और नाक पर ही गिर जाते हैं। ऐसे कामों के लिए चश्मे वाले आईड्रॉप बनाए गए हैं, इसमें चश्मे के ऊपर दो कीप बने हुए हैं, उसमें बूंद डालते ही सीधे आखों में पहुंच जाएगी, लेकिन सवाल ये है कि इतना झंझट पालेगा कौन?