Home Panchayat Viral And Trending A Study Shows That Japanese Kids Are Most Healthy In World

क्यों जापान के बच्चे सेहत के मामले में दूसरे देशों से आगे हैं

Apoorva Pandey/ firkee.in Updated Wed, 26 Apr 2017 04:50 PM IST
विज्ञापन
japan
japan - फोटो : screengrab/www.today.in
विज्ञापन

विस्तार


आमतौर पर भारत में ऐसा माना जाता है कि बच्चा जितना ज्यादा खाना खाता है वो बड़ा होकर उतना ही मजबूत बनता है। ये बात सही भी है। यही वजह है कि बच्चों को दूध-दही खाने की हिदायत हमेशा ही दी जाती है। लोग कुछ महीने के बच्चे को तब तक खिलाते रहते हैं जब तक वो रो कर इसके लिए मना न करदे। लेकिन इसके बावजूद भारतीय बच्चों को पूरी तरह से स्वस्थ होने का तमगा हासिल नहीं हो पाता। असल में होता ये है कि हद से ज्यादा खाने की आदत बच्चों को मोटापे की ओर ले जाती है। 

भारत के मुकाबले पश्चिमी देशों में तो हालात और भी ज्यादा खराब हैं। यहां फास्ट फूड खाने की वजह से बहुत से बच्चे इतने मोटे हो जाते हैं कि उन्हें इलाज करवाना पड़ता है। लोग समय से पहले ही मधुमेह जैसी गंभीर बीमारियों की चपेट में आ रहे हैं। सुनकर हैरानी जरूर होती है लेकिन ये बात बिल्कुल सच है कि 14-15 साल के बच्चे भी हार्ट अटैक से मर रहे हैं। लेकिन अगर आप ये सवाल पूछते हैं कि दुनिया में सबसे स्वस्थ बच्चे कहां के हैं तो जवाब होगा जापान। जी हां, 'द लैनसेट' में छपी एक रिसर्च के मुताबिक जापान में जन्मे बच्चे लंबे समय तक एक स्वस्थ जीवन जीते हैं और इसका सबसे बड़ा कारण है उनके खाने की आदत। इसका मतलब ये कि जापानी इतना पौष्टिक खाना खाते हैं कि बीमारियां उनसे दूर ही रहती हैं।
 

दुनिया भर के विकसित और भारत जैसे विकासशील देशों में मोटापे की समस्या लगातार बढ़ रही है। लेकिन वहीं दूसरी तरफ जापान में लोगों में मोटापे की दर बहुत कम हो गई है। इसकी वजह जेनेटिक बदलाव नहीं है बल्कि खाने-पीने और दिनचर्या में बदलाव है। पूरी दुनिया जापान से खाने-पीने की कुछ अच्छी आदतें सीख सकती है। 

ज्यादा खाना खाएं लेकिन कैलोरी कम लें 

मोटापे से दूर रहने का ये मतलब नहीं है कि आप खाना ही छोड़ दें बल्कि लोगों को खाने में ऐसी चीजें जोड़नी चाहिए जिनमें अधिक कैलोरी न हो। जैसे एक जापानी मील में चावल, मीट या मछली का एक हिस्सा, और कई साड़ी सब्जियां शामिल होती हैं। जापानी खाना बनाते समय इस बात का ध्यान रखते हैं कि वो एक अच्छी मील में सब कुछ शामिल कर लें। यानी उसमें निश्चित मात्रा में कार्बोहायड्रेट, फैट, प्रोटीन, विटामिन, फाइबर आदि आ जाएं। यही वजह है कि वो 'होल फूड' खाना पसंद करते हैं। वजह ये है कि कटे हुए और प्रोसेस्ड खाने में काफी अधिक कैलोरी होती हैं।

खाने की छोटी प्लेट का इस्तेमाल करें 

हमारे यहां जितनी बड़ी प्लेट में सलाद रखा जाता है, जापानी उतनी बड़ी प्लेट में ही अपना पूरा खाना खत्म कर देते हैं।
 

स्नैक्स कम खाएं 

भारत में हर तीसरा बच्चा कुरकुरे खाने की जिद करता है। अक्सर आपने लोगों को यह कहते सुना होगा कि ये तो कुछ खाता ही नहीं सिर्फ चिप्स और चॉकलेट खाने की जिद करता है। असल में छोटे बच्चों की जो आदत डाली जाए वो वही खाना पसंद करते हैं। शुरु-शुरु में तो लोग बच्चों की बात मानते हैं लेकिन इसी वजह से उनकी आदत खराब हो जाती है और बड़े होकर वो जिद करने लगते हैं। 

वहीं जापान के लोग कम खाना पसंद करते हैं। इसके अलावा जब भी वो कोई स्नैक खाते हैं जिसमें ज्यादा कैलोरी हो तो उसके बाद तुरंत ही एक्सरसाइज भी कर लेते हैं। इसके अलावा भले ही आप कितने भी बिजी क्यों न हों, दिन में एक बार अपने बच्चों के साथ बैठकर खाना जरूर खाएं। जापानी भी ऐसा ही करते हैं।

चावल से नुकसान नहीं 

जब भी किसी को वजन कम करना होता है उसे लोग हिदायत देते हैं कि सबसे पहले तो चावल खाना छोड़ दो। लोग ये काम करते भी हैं। लेकिन सच बात तो ये है कि जापान के खाने में चावल जरूर होता है और वो उसके साथ अलग-अलग सब्जियां और मछली खाते हैं। इससे चावल खाने के बाद जो भरे पेट जैसा महसूस होता है वो दिक्कत नहीं आती।
 

जापान का सी फूड तो दुनिया भर में मशहूर है और वो बेहद हेल्दी भी है। यही वजह है कि यहां के बच्चे आमतौर पर स्वस्थ होते हैं। किसी भी देश के लिए ये एक बहुत बड़ी बात होती है कि वहां के लोग बीमारियों से दूर रहें। समय के साथ जैसे-जैसे लोगों की दिनचर्या बदल रही है, वो वर्जिश से दूर होते जा रहे हैं। खेलना तो हर कोई पसंद करता है लेकिन बाहर जाकर नहीं बल्कि अपने फोन के वीडियो गेम में। जापान की एक खास बात ये भी है कि ये लोग बहुत अनुशासन में रहते हैं। ये बात इनके काम और पढ़ाई में भी नजर आती है। इसी तरह से खाने-पीने के मामले में भी यहां मां-बाप अपने बच्चों पर कड़ी नजर रखते हैं। इस मामले में वो काफी सख्ती बरतते हैं।

उम्मीद है कि दुनिया भर के देश जापान से जरूर सीखेंगे। भारत में एक तरफ कुछ लोग अक्सर भूखे सोते हैं तो कुछ हद से ज्यादा खाकर अपना वजन बढ़ा रहे हैं। ऐसे में इस बात पर ध्यान देना बहुत जरूरी है कि हमारे देश के युवा मोटापे का शिकार न हों। खाने का वो हिस्सा अगर गरीबों को दे दिया जाए तो शायद समाज में एक संतुलन बना रहेगा। 
 

विज्ञापन
विज्ञापन
विज्ञापन
विज्ञापन
विज्ञापन
विज्ञापन

Disclaimer

अपनी वेबसाइट पर हम डाटा संग्रह टूल्स, जैसे की कुकीज के माध्यम से आपकी जानकारी एकत्र करते हैं ताकि आपको बेहतर अनुभव प्रदान कर सकें, वेबसाइट के ट्रैफिक का विश्लेषण कर सकें, कॉन्टेंट व्यक्तिगत तरीके से पेश कर सकें और हमारे पार्टनर्स, जैसे की Google, और सोशल मीडिया साइट्स, जैसे की Facebook, के साथ लक्षित विज्ञापन पेश करने के लिए उपयोग कर सकें। साथ ही, अगर आप साइन-अप करते हैं, तो हम आपका ईमेल पता, फोन नंबर और अन्य विवरण पूरी तरह सुरक्षित तरीके से स्टोर करते हैं। आप कुकीज नीति पृष्ठ से अपनी कुकीज हटा सकते है और रजिस्टर्ड यूजर अपने प्रोफाइल पेज से अपना व्यक्तिगत डाटा हटा या एक्सपोर्ट कर सकते हैं। हमारी Cookies Policy, Privacy Policy और Terms & Conditions के बारे में पढ़ें और अपनी सहमति देने के लिए Agree पर क्लिक करें।

Agree