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भाई तकनीकी की दुनिया में जीने का मज़ा ही अलग है। जैसे एक विकसित शहर या गांव की पहचान वहां की पक्की सड़कों, स्कुल, अस्पताल और अन्य संसाधनों से होती है; वैसे ही एक विकसित देश की पहचान वहां की हाई-फाई तकनीकी से होती है। जिस देश ने अपने नागरिकों को अच्छी तकनीकी की सुविधा दे रखी है, वहां के लोग ज़्यादा विकसित हैं। जापान, अमेरिका, चीन और कई देश हैं जो तकनीकी के मामले में चांद छू रहे हैं।
बढ़िया, बहुत बढ़िया... भारत भी पीछा कर रहा है इन देशों का। आज नहीं तो कल बराबरी में हम भी होंगे। तकनीकी ने इतनी सुविधा दे रखी है कि इंसान अपनी संतुष्टि के शिखर पर पहुंच सकता हैं। सुख भले न आए लेकिन संतुष्टि मिल जाएगी। हां सही तो कह रहे हैं जनाब। सेक्स रोबोट का आविष्कार सुख के लिए नहीं संतुष्टि के लिए ही हुआ है। वो भी 2 पल वाली संतुष्टि।
खोजकर्ता Wai Kin Yeung के अनुसार "सेक्स रोबोट एक ऐसा आविष्कार है जो इंसान की उत्तेजना को शांत कर उसे संतुष्टि दिलाएगा। यही नहीं ये ऐसा रोबोट है जो इंसान की तड़प को समझेगा, बेचैनी बढ़ाएगा और उस इंसान को क्लाईमेक्स (अंतिम सीमा) तक लाने में मदद करेगा। जो अपने आप में एक बड़ी बात है। ऐसा आविष्कार कोई आम बात नहीं"..
अब हम अपने अनुसार एक सेक्स रोबोट के परिभाषित करते हैं...
सेक्स रोबोट एक ऐसा आविष्कार है जो इंसान की भावनाओं को कुछ पल के लिए ही समझेगा। इंसान जिसे अपने अनुसार नहीं चला पाएगा, बल्कि रोबोट के इशारे पर इंसान चलेगा। पहले से रिश्तों में कम दरारें थी, उसे बढ़ावा देने के लिए सेक्स रोबोट जैसी कला को उतारा गया। सेक्स रोबोट वो आविष्कार है जो इंसान की भावनाओं के साथ खेलने के लिए बनाया गया है।