Google की नौकरी छोड़ लड़की बन गई साध्वी, जानिए कैसे लाखों रुपये का पैकेज ठुकराकर वैराग्य में लगा मन
टीम फिरकी, नई दिल्ली
Updated Wed, 28 Nov 2018 12:36 PM IST
नौकरी छोटी हो या बड़ी। उसे छोड़कर भगवान की अराधना में मन लगाना आसान काम नहीं होता। ऐसा करने वालों की इच्छा शक्ति आम इंसान से सैकड़ों गुना ज्यादा होती है। इन दिनों उत्तर प्रदेश के वाराणसी में परम धर्म संसद 1008 का आयोजन किया जा रहा है। यहां पहुंची साध्वी ब्रह्मवादिनी देवी स्कंद लोगों की चर्चा का विषय बनी हुई हैं। वह न सिर्फ सबसे कम उम्र की प्रतिनिधि हैं बल्कि आधुनिकता का भी पूरा ज्ञान रखती हैं। आगे की स्लाइड में जानें उनके बारे में।
दिल्ली में पली बढ़ी साध्वी ब्रह्मवादिनी देवी स्कंद एक बड़े कारोबारी की बेटी हैं। शुरू से ही इंग्लिश मीडियम से पढ़ाई की। इसके बाद दिल्ली यूनिवर्सिटी से बीकॉम किया, फिर सीएस की पढ़ाई की। शिक्षा के बल पर ही गूगल जैसी कंपनी में नौकरी लगी। करीब एक साल तक नौकरी की।
उन्होंने बताया कि पढ़ाई के दौरान वह माता-पिता के साथ मंदिरों और गुरुमाता के यहां आती जाती रहीं हैं। इस दौरान ही मां के साथ गुरु माता के यहां आईं। उनके द्वारा ईश्वर को लेकर बताए गए मार्ग से बहुत प्रभावित हुईं।
घर में जब वैराग्य लेने की बात कही तो मां तो मान गई, लेकिन पिता को मनाना मुश्किल था। गुरु माता के आदेश से फैसला अटल हो गया था। मेरी इच्छा को देखते हुए पिता और भाई ने भी अनुमति दे दी।
इसके बाद मैं गुरु माता आशुतोशांवरी की शरण में गोरखपुर के मुंडेरवा स्थित परब्रह्म संयोज्य शरणमेमि आश्रम आ गई। वहां मेरा नाम ब्रह्मवादिनी देवी स्कंद पड़ा।