15 ऐसे चुनावी नारे, जिनसे देश का चुनावी इतिहास बार-बार बदला!
Shivendu Shekhar/firkee.in
Updated Wed, 18 Jan 2017 01:32 PM IST
1. 1967 चुनाव के दौरान, जनसंघ ने वोटर्स को कांग्रेस और तंबाकू दोनों ही छोड़ने का स्लोगन दिया था।
जनसंघ को वोट दो, बीड़ी पीनी छोड़ दो;
बीड़ी में तंबाकू है, कांग्रेस-वाला डाकू है
शिव
- फोटो : sourceoldindianphotos.in
शिवसेना ने 1960 में कांग्रेस के कैंपेन का जवाब ऐसे दिया था.
भारत के पूर्व प्रधानमंत्री लाल बहादुर शास्त्री ने स्लोगन दिया था, 1965 मे। जिसमें उन्होंने देश के किसानों और सैनिकों को एक साथ लाया था। बाद में यही नारा अटल जी ने इस्तेमाल किया था। जिसमें उन्होंने कहा था, जय जवान, जय किसान, जय विज्ञान।
कांग्रेस
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नारा अंग्रेजी में था।
कांग्रेस पार्टी का पुराना निशान था। बैलों का जोड़ा। लेकिन 1960 में जब इंदिरा गांधी ने अलग कुनबा बना लिया था। तब इनका चुनाव चिह्न गाय और बछड़ा हो गया था।
लेकिन पब्लिक हमारे यहां कि हमेशा से एक कदम आगे रही है। बात बनाने में। वोट देते समय बस इनका जो ज्ञान है वो घास चरने चला जाता है। लोगों ने तुरंत दिमाग लगा दिया कि ये गाय जो हैं वो इंदिरा गांधी हैं और बछड़ा संजय गांधी। इसके बाद ये निशान फिर बदल लिया गया था।
इंदिरा गांधी सरकार के दौर में जब महंगाई बढ़ी और चुनाव आने वाला था। तब जन संघ ने ये नारा दिया था।
इंदिरा गांधी
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1971 में इंदिरा गांधी को होश आया कि देश में गरीबी नाम की बला भी बसती है। और नारा आया...
नारा था जेपी आंदोलन के कुनबे का!
इंदिरा
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इमरजेंसी के बाद का दौर था। 1978 में इंदिरा गांधी कर्नाटक के चिकमगलूर से बाय-इलेक्शन में खड़ी हुई थीं। डीबी चन्द्र गौड़ा ने अपनी सीट इंदिरा गांधी के लिए छोड़ी थी।
1984 में इंदिरा गांधी की हत्या के बाद टाइम मैगज़ीन ने एक कवर स्टोरी की थी। जिसके कवर पर इंदिरा गांधी की तस्वीर लगी थी और लिखा था, "अगर अज मेरी मौत हो जाती है, तो मेरे खून का एक-एक कतरा इस देश को ताकत देगा।"
कांग्रेस पार्टी भयंकर मेजोरिटी से चुनाव जीती थी।
लालू प्रसाद यादव, छात्र नेता। सीटी मारे तो 10, 000 लौंडे इकट्ठा हो जाएं, घेर के बैठ जाएं। काम क्या किया, मुख्यमंत्री बनने के बाद? गया तेल लेने। लेकिन नारा आया था। जिससे मजेदार नारा शायद ही फिर कभी आए।
मुलायम सिंह यादव
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अयोध्या बाबरी मस्जिद कांड के बाद काशीराम और मुलायम सिंह यादव एक साथ हो लिए। सरकार बनानी थी। नारा मुलायम सिंह को ले उड़ा था!
भारतीय जनता पार्टी को पहली बार 1996 में 13 दिन की सरकार बनाने का मौका मिला। अटल जी नेता थे।
1999 में भारतीय जनता पार्टी का कांग्रेस के खिलाफ कैम्पेन था। अटल जी प्रधानमंत्री एक उम्मीदवार थे। इस बार बीजेपी वालों ने इनके भ्रष्टाचार मुक्त चेहरे का इस्तेमाल करना चाहा था। मौका मिला लेकिन ज्यादा वक़्त तक चल नहीं सका।
सोनिया
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साल 2009 का चुनाव। जब लगातार दूसरी बार यूपीए सरकार बनी थी।
बाकी 2014 में तो हमने आपने देखा ही. 'अच्छे दिन'. 'अबकी बार, मोदी सरकार'