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आज की इस भागम भाग भरी जिंदगी में टाइम किसी के पास नहीं है। कोई अपने करियर को लेकर तो कोई अपने बिजनेस को लेकर बिजी है। फुर्सत के पल जैसे जिंदगी से गायब ही हो गए हैं। ये वायरल व्हॉट्सएप मैसेज उन्हीं व्यस्त लोगों के लिए है।
60+ सिक्सटी प्लस
कार से उतरकर भागते हुए हॉस्पिटल में पहुंचे नौजवान बिजनेसमैन ने पूछा..
“डॉक्टर, अब कैसी हैं मां?“ हांफते हुए उसने पूछा।
“अब ठीक हैं। माइनर सा स्ट्रोक था। ये बुजुर्ग लोग उन्हें सही समय पर लें आये, वरना कुछ बुरा भी हो सकता था।''
डॉ ने पीछे बेंच पर बैठे दो बुजुर्गों की तरफ इशारा कर के जवाब दिया।
“रिसेप्शन से फॉर्म इत्यादि की फार्मैलिटी करनी है अब आपको।” डॉ ने जारी रखा।
“थैंक यू डॉ. साहब, वो सब काम मेरी सेक्रेटरी कर रही हैं“ अब वो रिलेक्स था।
फिर वो उन बुजुर्गों की तरफ मुड़ा.. “थैंक्स अंकल, पर मैनें आप दोनों को नहीं पहचाना।''
“सही कह रहे हो बेटा, तुम नहीं पहचानोगे, क्योंकि हम तुम्हारी मां के व्हॉट्सएप फ्रेंड हैं ।” एक ने बोला।
“क्या, व्हॉट्सएप फ्रेंड?” चिंता छोड़ , उसे अब, अचानक से अपनी मां पर गुस्सा आया।
“60 + नॉम का व्हॉट्सएप ग्रुप है हमारा।”
“सिक्सटी प्लस नाम के इस ग्रुप में साठ साल व इससे ज्यादा उम्र के लोग जुड़े हुए हैं। इससे जुड़े हर मेम्बर को उसमें रोज एक मैसेज भेज कर अपनी उपस्थिति दर्ज करानी अनिवार्य होती है, साथ ही अपने आस पास के बुजुर्गों को इसमें जोड़ने की भी जिम्मेदारी दी जाती है।”
“महीने में एक दिन हम सब किसी पार्क में मिलने का भी प्रोग्राम बनाते हैं।”
“जिस किसी दिन कोई भी मेम्बर मैसेज नहीं भेजता है तो उसी दिन उससे लिंक लोगों द्वारा, उसके घर पर, उसके हाल चाल का पता लगाया जाता है।”
आज सुबह तुम्हारी मां का मैसेज न आने पर हम 2 लोग उनके घर पहुंच गए..।
वह गम्भीरता से सुन रहा था।
“पर मां ने तो कभी नहीं बताया।" उसने धीरे से कहा।
“मां से अंतिम बार तुमने कब बात की थी बेटा? क्या तुम्हें याद है?” एक ने पूछा।
बिजनेस में उलझा, तीस मिनट की दूरी पर बने मां के घर जाने का समय निकालना कितना मुश्किल बना लिया था खुद उसने।
हां पिछली दीपावली को ही तो मिला था वह उनसे गिफ्ट देने के नाम पर।
बुजुर्ग बोले..
“बेटा, तुम सबकी दी हुई सुख सुविधाओं के बीच, अब कोई और मां या बाप अकेले घर मे कंकाल न बन जाएं... बस यही सोच ये ग्रुप बनाया है हमने। वरना दीवारों से बात करने की तो हम सब की आदत पड़ चुकी है।”
उसके सिर पर हाथ फेर कर दोनों बुजुर्ग अस्पताल से बाहर की ओर निकल पड़े। नवयुवक एकटक उनको जाते हुए देखता ही रह गया।
🙏अगर ये मैसेज आपको कुछ सीख दे तो कृपया किसी और को भी भेजने में संकोच ना करे?
धन्यवाद🌺🙏🙏🌺
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