इस भाग-दौड़ भरी जिंदगी में आप भी जरूर लगातार भाग रहे होंगे। आपको कभी अपने कॉलेज में डांट पड़ती होगी तो कोई ऑफिस की फाइलों के नीचे दबा हुआ होगा। ऐसे में मूड खराब होना तो लाजमी है। लेकिन आपको परेशान होने की जरूरत नहीं है। फिरकी आपको हंसाने के लिए मार्केट से कुछ बिल्कुल नए ताजा-तरीन मास्टर पीस ले आया है। ये कुछ लोगों की कला के नमूने हैं जो हम आपके सामने पेश करने वाले हैं। यकीनन इन्हें देखकर आपका मूड रीफ्रेश हो जाएगा। तो देखिए आज मार्केट में नया क्या है...
आज खुल गया राज
आप ट्रेन में इनमें से कौन सी किताबें पढ़ते हैं
ट्रेन में पढ़ी जाने वाली किताबें...
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1एसी -:
बिजनेस मैगज़ीन , मार्क्स, एडिसन, गॅलिलिओ, लिंकन, मार्टिन ल्युथर
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2एसी -:
शेल्डन, ब्रुक्स, शेक्सपियर, ऍरिस्टोटल
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3एसी -:
गांधी, ओबामा, अब्दुल कलाम, चेतन भगत, ओशो, अरुंधती रॉय, रॉबिन शर्मा, दीपक चोप्रा, शिव खेरा
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स्लीपर -:
क्रिकेट सम्राट तेंडुलकर, मनोरमा, फिल्म फेयर, बाबा रामदेव, अध्यात्म
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जनरल -:
प्रेमिका का बदला, खौफनाक हवेली, खूंखार रात, बेवफा से बदला लेने के 101 तरीके, 21दिन मे मनचाही लड़की पटाये, करंट मारे गोरिया,30 दिन में डाक्टर कैसे बनें
ये भेल है... बेल नहीं
माल्या गए भेल पूरी के स्टॉल पर:
माल्या: भैया एक भेल देना
भैया: साहब 10 मिनट रुको
माल्या: अरे भैया थोड़ा जल्दी करो न
भैया: ये भेल है, बेल नहीं! टाइम लगेगा
बच्चा-बच्चा जानता है!
इसलिए विदाई में रोती हैं लड़कियां
लड़का - लड़कियां ससुराल जाते समय.. रोती क्यों है ?
लड़की - अगर तुझे कोई..
घर से दूर.. ले जाके
झाडू पोछा कराए , झूठे बर्तन साफ कराए ,
तो.. तू क्या नाचेगा ??
पतियों की व्यथा
गिफ्ट शॉप का नजारा देख आंसू आ गए, जब एक मासूम पति ने
कहा कि भैया, एक बेलन दिखा दो जिससे चोट ना
लगती हो।
वो मासूम पति न जाने किसका था...
अब जरा हिंदी साहित्य की एक झलक देख लीजिए...
प्रश्न 5(अ) निम्नलिखित पद्यांश की संसदर्भ व्यख्या कीजिये:-
"जब लगावेलु तू लिपिस्टिक
हिलेला आरा डिस्टिक"
उत्तर:-
#सन्दर्भ:- प्रस्तुत पद्यांश हमारे समाज में प्रचलित ट्रेक्टर ट्राली पर कर्ण अप्रिय वाद्ययंत्रों से उधार लिया गया है जिसके लेखक भोजपुरी साहित्य के दैदीप्यमान सितारे हैं।
#प्रसंग:- प्रस्तुत पद्यांश में कवि ने नायिका के अनुपम सौंदर्य का घनघोर वर्णन किया है और उसके कृत्रिम सौंदर्य की तुलना स्थान विशेष पर आने वाले भूकम्प से किया है।
#व्याख्या:- प्रस्तुत पद्यांश में नायक अपनी प्रेयसी के रूप को देख अत्यंत हर्ष का अनुभव कर रहा है और वह इस प्रसन्नता में नायिका के श्रृंगार की तुलना रिक्टर पैमाने पर प्रमाणित करने को अति आतुर प्रतीत हो रहा है।
नायक अपनी नायिका के सौंदर्य के विषय में भावविह्वल हो कर प्रख्यापित करता है की, "हे लॉलीपॉप रुपी जिलाटॉप सुंदरी! जब भी तुम अपने अधरों पर कृत्रिम रंगों का लेपन करती हो तो तुम्हारे मुख की कांति दर्शनीय होती है और तुम्हारे रूप के इस समग्र भार से आरा जिले के समस्त निवासियों के हृदय में एक भूचाल सा आ जाता है।
#काव्य_सौंदर्य:-
1:-रूप को रिक्टर पैमाने पे नापा गया है और यह सोच वैज्ञानिक है
2:-अधरों पर किये गए लेपन की तुलना अमेरिका द्वारा आई एस पर गिराये गए MOAB से की जा सकती है।
3:-लिपस्टिक, डिस्ट्रिक जैसे अंग्रेजी शब्दों से आये भाषा का प्रवाह अतुलनीय है।
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