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हंसने के लिए कॉमेडी शो देखना जरूरी नहीं है। बस इन फिल्मी पोस्टरों को एकसाथ देख लीजिए। किसी व्हाट्सएप पंडित की शरारत वायरल हो रही है।
ये पोस्टर्स पुरानी हिंदी फिल्मों के हैं। अब के जमाने में किसी फिल्म की एक कहानी पूरी करने के लिए फिल्म की सीरीज चलती है, पार्ट 2, पार्ट 3, के नाम से। लेकिन इन फिल्मों के पोस्टर्स देखकर लगता है कि पहले एक फिल्म की पूरी कहानी दिखाने के लिए फिल्मों के टाइटल भी बदल दिए जाते थे। तब जाकर एक कहानी पूरी होती थी।
इन फिल्मों के नाम पढ़िए ... मुझे इंसाफ चाहिए, इंसाफ कौन करेगा, इंसाफ मैं करूंगा...
मैं चुप रहूंगी, कब तक चुप रहूंगी, मैं चुप नहीं रहूंगी।
औरत खिलौनी नहीं, आदमी खिलौना है...
पति पत्नी और वो, कौन थी वो, वो नहीं मैं, वो कौन और होगा। चार किस्तों में पूरी हुई एक फिल्म।