विस्तार
'जो कुछ है संसार में, जो कुछ है संसार, इसी कथा में कह दिया वेद व्यास ने सार, याद रखें हम आप सब, कर्मों के परिणाम, विदा ले रहे आज हम, करते हुए प्रणाम...'
ये पक्तियां महाभारत की है। उसी महाभारत की जिसे कभी दूरदर्शन पर पूरा भारत देखता था। महर्षि वेदव्यास कृत महाकाव्य महाभारत को जब बीआर चोपड़ा छोटे पर्दे पर लाए तो देश के शहरों-गांवों-कस्बों के लोग दिखाई देने वाले कलाकारों के टीवी स्क्रीन से ही पैर छू लेते थे। यह कहना गलत नहीं होगा कि महाभारत के प्रसारण के वक्त पूरा भारत एक हो जाता था। बाजारों में सन्नाटा हो जाता था। रविवार के दस बजने का इंतजार होता था। जिन लोगों के पास टीवी की सुविधा नहीं थी, वे पड़ोस-मुहल्ले में देखने पहुंचते थे।
बिजली नहीं आ रही होती थी तो नंबरदार और जमीदार के ट्रैक्टर की बड़ी से बैट्री से टीवी चालू किया जाता था। इस पर भी टीवी स्क्रीन पर मच्छर भिनभिनाते (स्पष्ट न दिखाए देने पर) तो लड़के एंटीना इंजीनियर हो जाते थे और तब तक कानपुर, लखनऊ, दिल्ली से सिग्नल की तलाश चालू रहती जब तक कि कोई यह न कह दे, बस...!
इसके बाद तो मानों खुशी का कोई ठिकाना नहीं। ये बात हम इसलिए बता रहे हैं ताकि आज की स्मार्टफोन वाली पीढ़ी यह जानें। उन पलों की वैसी अनुभूति मुनासिब नहीं, लेकिन हमारे पवित्र धार्मिक ग्रंथों पर आधारित धारावाहिकों से टेलिविजन के जरिए किए गए जनकल्याण के प्रयास के बारे में नई पीढ़ी को पता होना चाहिए। उन्हें पता होना चाहिए कि सिनेमा तब भी था, फिल्में तब भी आती थी और धारावाहिक भी आते थे, लेकिन टीवी या सिनेमा तब समाज का आईना ही होता था, महज कारोबार नहीं।
आज यूट्यूब पर हमें ये पुराने एपिक धारावाहिक मिल जाते हैं, लेकिन उस दौर के लोगों ने जो आनंद लिया उसकी बस कल्पना भर कर सकते हैं। फिर भी महाभारत अपने आपमें जीवन की पाठशाला है और इससे मिलने वाला ज्ञान आज भी उतना ही व्यवहारिक है। महाभारत में ही भगवान श्रीकृष्ण ने अर्जुन के जरिए पुरे विश्व और बृह्मांड को एक बार फिर गीता का ज्ञान दिया था। एक बार फिर ऐसे, क्योंकि शात्रों में कहा गया है कि गीता का ज्ञान पहली बार सूर्य लोक के राजा विवश्वान को दिया गया था।
जीवन के बारे में जानने और उसे निभाने के उद्देश्य से ही महाभारत जैसा धारावाहिक देखा जाना चाहिए। महाभारत का यह वीडियो शूटिंग खत्म होने के बाद के दृश्यों से भरा है। ये दृश्य आज भी जेहन में उथल-पुथल मचा देते हैं, आखें नम होती हैं और गौरवशाली इतिहास की अनुभूति से चमक उठती हैं और भगवान के प्रति सच्ची श्रद्धा उमड़ पड़ती है। इस वीडियो में कहीं-कहीं गुदगुदाने वाले दृश्य भी नजर आते हैं। सोशल मीडिया पर इस वीडियों एक करोड़ों से ज्यादा लोग देख चुके हैं, लेकिन क्या आपने देखा है, यही सोचकर हम इस वीडियो शेयर कर रहे हैं।