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प्यार, एक ऐसा शब्द है जिसे न लिख कर बयां किया जा सकता है न बोलकर। जिसकी मौजूदगी मात्र से ही पत्थर दिल भी पिघल सकता है। प्यार की कोई भाषा नहीं होती है, लेकिन प्यार की अपनी अलग भाषा होती है। फिल्मों में भी प्यार को एक बेहतरीन दिशा दी गई है। दुनिया खत्म हो सकती है लेकिन "प्यार" का अस्तित्व कभी खत्म नहीं हो सकता।
मैंने कहीं सुना है "प्यार और मौत दोनो बिन बुलाए मेहमान हैं, ये दोनो एक ही काम करते हैं। एक दिल ले जाता है तो दूसरा धड़कन".. मौत तो एक दिन आनी ही है तो क्यों न मौत आने से पहले प्यार के कुछ बीज इस तरह बोया जाए कि जमाना याद करे।
ये 'वैलेंटाइन वीक' चल रहा है और बेशक दो जवां दिलों के लिए एक खूबसूरत पल है। कई दिलों के सपने इस वीक पूरे होने वाले हों। इस वैलेंटाइन का क्रेज पूरी दुनिया में ही है। ख़ैर... हमें तो यही समझ है कि प्यार करने का कोई वक्त नहीं होता, कोई उम्र नहीं होती, प्यार का कोई धर्म या मज़हब नहीं होता। प्यार शब्द ही इतना खूबसूरत होता है कि ये कभी भी और किसी से भी हो सकता है