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फिर से वही रात आ गयी सुबह उठना भी तो है, कल अगर 8 बजे नहीं पहुंचा तो बॉस फिर डांटेगा। शर्मा जी की फाइल कम्प्लीट भी नहीं हुई। ओह गॉ़ड बिजली का बिल भी नहीं भरा अब फिर पूरे हफ्ते का इंतज़ार करो, उसके बाद वहां की नौटंकी।
अरे बस भी करो भाई काम का इतना प्रेशर क्यों लेते हो? चलिए मान लिए सुबह उठ कर आपको मेट्रो में धक्के खाकर लक्ष्मीनगर से सिकंदरपुर जाना पड़ता है, खुली हवा नहीं मिलती, आपको एसी की ठण्डयी लेनी पड़ती है, मान लिए कि आप वीकेंड आते-आते थक जाते हैं और पूरा संडे केवल सोते रहते हैं, बाहर कहीं घूमने नहीं जा पाते। जब लगता है कि आप खुद को ज़िंदा महसूस कर रहे हैं तबतक शाम हो चुकी होती है। गर्लफ्रेंड वैसे ही नाराज़ रहती है कि सिर्फ़ काम, काम और काम। मां-बाप ताने मारते हैं कि ऑफिस में ही सो भी जाया करो, इसके लिए भी घर क्यों आते हो। पर फ्रस्ट्रेट होने से सब ठीक हो जाएगा क्या?
सुनिए ज़रा एक बात बताते हैं आपको, इतना फ्रस्ट्रेट रहने से आप हर जगह लल्लु जैसे लगते हो। एक बेचारा टाईप्स। अरे काम की टेंशन तो सबको है, प्रेशर में काम करते हो तो काम के बदले कांड हो जाता है और बॉस को तो बस एक मौका चाहिए कमी निकालने का, वो भी बेचारा फ्रस्ट्रेटेड ही है। इतनी टेंशन लेकर क्या उखाड़ लोगे? लोग आपके साथ फोटो खिंचाने में सोचते होंगे कि कहीं फोटो बिगड़ न जाए, आप खुद सोचते होंगे कि मै किस नक्षत्र में पैदा हुआ।
तो बात बस इतनी-सी है कि आप किसी को आंख दिखाने का मौका ही मत दो, फ्रस्ट्रेट रहोगे तो अच्छे से कोई काम नहीं होगा ऊपर से तमाम तरह की बीमारियों से दोस्ती होगी, शर्मा जी की फाईल हरदम अधूरी रहेगी, बिजली का बिल बच्चे बड़े होकर भरेंगे, डिप्रेशन का शिकार हो जाओगे, फैमिली के साथ सेल्फी अच्छी नहीं आएगी, गर्लफ्रेंड का भी वीकेंड बेकार जाएगा, घरवालों को लगेगा कि लड़के ने मोह-माया ही त्याग दिया है। लोग आपको एंग्री यंग मैन का रिश्तेदार समझेंगे, रिक्शा वाला 4 बार पीछे मुड़के देखेगा कि आप पीछे ठीक-ठाक हैं न लुढ़क तो नहीं गये, कोई नॉर्मल बात भी गुस्से में निकलेगी, लाईफ जलेबी जैसा हो जाएगी।
काम जम के करो भईया पर बिना प्रेशर लिए वरना कहीं ऐसा न हो कि आपका प्रेशर बिगड़ जाए। काम को काम की तरह करना ही कला है इतना समझ लो, बाकि सब तुम्हारे काम का नहीं। टेंशन लेकर दस पैसे कमा भी लिए तो क्या कर लिए, जो हंसकर कमा रहा है वो भी तो कमा ही रहा है न। संडे की शाम से ही डरना शुरू कर देते हो, मंडे न हुआ यमदूत हो गया। एक बात और बताय देते हैं, तुम भूत से डरोगे तो भूत तुम्हें डराएगा.. तुम मंडे से डरोगे तो मंडे भी तुम्हें डराएगा। इसलिए चैन से जाना, अपना काम करना, बिना प्रेशर लिए करना.. कूकर नहीं हो तुम, समझे! संडे का क्या है, अगले हफ्ते फिर आ जाएगा यार!