यह विडंबना है कि दुनिया में जैसे-जैसे स्वतंत्रता और आधुनिकता का विस्तार हुआ, वैसे-वैसे महिलाओं के प्रति संकीर्णता का भाव भी बढ़ता गया है। प्राचीन समाज ही नहीं आधुनिक समाज की दृष्टि में भी महिलाएं मात्र औरत हैं और उन्हें थोपी व गढ़ी-बुनी गयी तथाकथित नैतिकता की परिधि से बाहर नहीं आना चाहिए।
इसी मानसिकता को रोकने हेतु टोक्यो पुलिस ने महिला की सुरक्षा के लिए एक स्मार्टफोन ऐप बनाया है। जापान की महिलाओं के बीच यह ऐप सबसे पंयदीदा ऐप बन गया है। जापान आज आधुनिकता के मामले में भले ही दुनिया को पीछे छोड़ चुका हो लेकिन महिलाएं को लेकर छेड़-छाड़ के मामले अक्सर देखने को मिलते रहे है। जापान की महिला अक्सर भीड़ भरी ट्रेनों में छेड़खानी का शिकार होती रहीं है। लेकिन अब टोक्यो पुलिस ने इस बड़ी समस्या को रोकने के लिए एंटी ग्रॉपिंग ऐप बनाया है। इस ऐप को डिजी ऐप का नाम दिया गया है।
अपने साथ छेड़खानी होने पर महिलाएं डिजी पुलिस ऐप की मदद ले सकती हैं। इसकी खासियत है कि जब भी कोई महिला इस ऐप का इस्तेमाल करती है तो यह ऐप तेज आवाज में मैसेज देता है- स्टॉप इट (इसे रोको) या मोबाइल की पूरी स्क्रीन पर एसओएस (इमरजेंसी कॉन्टेक्ट को सूचना) संदेश दिखाता है। इस संदेश में लिखा होता है- यहां एक मोलेस्टर (छेड़खानी करने वाला) है, कृपया मदद कीजिए। मुझे इससे समस्या है। इस मैसेज को पीड़िता आसपास मौजूद अन्य लोगों की मदद ले सकती है।
पुलिस अधिकारी केइको टॉयमाइन ने कहा, इस ऐप को अब तक 2.37 लाख से ज्यादा बार डाउनलोड किया गया है। बता दें कि किसी पब्लिक सर्विस ऐप के मुकाबले यह निश्चित रूप से बड़ा आंकड़ा है। टॉयमाइन के मुताबिक हर महीने लगभग 10,000 नए यूजर्स इस ऐप को डाउनलोड कर रहे हैं।
उन्होंने कहा कि पीड़ित अक्सर ऐसे मामलों में मदद बुलाने से डरते हैं। मगर इस ऐप का उपयोग करके वे अन्य यात्रियों को चुप रहते हुए भी छेड़खानी करने वाले वाले के बारे में बता सकती हैं। इस ऐप की जरूरत भारत में भी नजर आ रहीं, हांलकि भारतीय रेलवे जल्द ही महिला यात्रियों की सुरक्षा के लिए पुखते इंतजाम करने के लिए महिला डिब्बे में एक बटन लगवा रहा है।