आज भारतीय सेना अपना 71वां आर्मी डे यानी सेना दिवस मना रही है। हर साल 15 जनवरी को आर्मी डे मनाया जाता है। इस दिन उन सभी बहादुर सेनानियों को सलामी भी दी जाती है, जिन्होंने कभी ना कभी देश के लिए अपना सर्वोच्च न्योछावर कर दिया। लेकिन क्या आपको पता है कि आर्मी डे हर साल 15 जनवरी को ही क्यों मनाया जाता है? हम आपको आज इसी के बारे में बताने जा रहे हैं, जिसे जानकर हर भारतीय का सीना गर्व से फूल जाएगा।
हर साल 15 जनवरी को जवानों के दस्ते और अलग-अलग रेजिमेंट की परेड होती है और झांकियां निकाली जाती हैं। सेना दिवस के उपलक्ष्य में हर साल दिल्ली छावनी के करियप्पा परेड ग्राउंड में परेड निकाली जाती है, जिसकी सलामी थल सेनाध्यक्ष लेते हैं। इस साल खास बात है कि आर्मी परेड का नेतृत्व एक महिला अफसर लेफ्टिनेंट भावना कस्तूरी करेंगी और आर्मी चीफ बिपिन रावत सलामी लेंगे। बता दें कि भारतीय सेना के इतिहास में ऐसा पहली बार होगा, जब कोई महिला अधिकारी आर्मी सर्विस को लीड करेगी।
इस बार का आर्मी डे महिलाओं को समर्पित है। आर्मी डे परेड में कैप्टन शिखा सुरभी बाइक पर स्टंट करती नजर आएंगी। खास बात ये है कि कैप्टन शिखा सुरभी पहली ऐसी महिला अधिकारी हैं जो आर्मी की डेयरडेविल्स टीम में जगह बना पाई हैं। उनके अलावा कैप्टन भावना स्याल ट्रांसपोर्टेबल सैटेलाइट टर्मिनल के साथ परेड पर भारतीय सेना की ताकत का नजारा पेश करेंगी।
आपको बता दें कि भारतीय आर्मी का गठन 1776 में ईस्ट इंडिया कंपनी ने कोलकाता में किया था, लेकिन आज इंडियन आर्मी के 53 कैंटोनमेंट और 9 आर्मी बेस हैं। हर साल 15 जनवरी को आर्मी डे इसलिए मनाया जाता है, क्योंकि आजादी के करीब डेढ़ साल बाद साल 1949 में इसी दिन फील्ड मार्शल केएम करियप्पा ने जनरल फ्रांसिस बुचर से भारतीय सेना की कमान ली थी। जनरल फ्रांसिस बुचर भारत के आखिरी ब्रिटिश कमांडर इन चीफ थे, जबकि फील्ड मार्शल केएम करियप्पा भारतीय आर्मी के पहले कमांडर इन चीफ बने थे।
दरअसल, 15 अगस्त, 1947 को जब भारत आजाद हुआ, तो देश भर में व्याप्त दंगे-फसादों और शरणार्थियों के आवागमन के कारण उथल-पुथल का माहौल था। इस कारण कई प्रशासनिक समस्याएं पैदा होने लगी और फिर स्थिति को नियंत्रित करने के लिए सेना को आगे आना पड़ा। इसके बाद एक विशेष सेना कमांड का गठन किया गया, ताकि विभाजन के दौरान शांति-व्यवस्था सुनिश्चित की जा सके, लेकिन भारतीय सेना के अध्यक्ष तब भी ब्रिटिश मूल के ही हुआ करते थे। 15 जनवरी 1949 को फील्ड मार्शल केएम करियप्पा आजाद भारत के पहले भारतीय सेना प्रमुख बने थे। उस समय भारतीय सेना में लगभग 2 लाख सैनिक थे। उसके बाद से ही हर साल 15 जनवरी को सेना दिवस मनाया जाता है।