गर्मीयों में रसभरी लीची का नाम सुनते ही मुंह में पानी आना शुरू हो जाता है। हम में से बहुत लोगों को लीची का स्वाद अंतरिम सुख की अनुभूति जैसा हो सकता है, लेकिन लीची के शौकीनों में हमेशा उसकी बीज को लेकर शिकायत रहती है। लीची का बीज बड़ा होने से उसके गुद्दे में कमी आती है।
बीज के कारण कई बार इसका मजा खराब हो जाता है, लेकिन क्या हो अगर लीची में बीज ही न हो तो फिर तो मजा दोगुना हो जाएगा न, अब आपके मन में सवाल की घंटी तो जरूर बजी होगी कि बिना बीज के लीची कैसे हो सकती है?आपको जानकर हैरानी होगी कि ऑस्ट्रेलिया के एक किसान ने आपकी और हमारी इस समस्या का हल ढूढ़ लिया हैं।
तिब्बी डिक्सन नाम के एक किसान ने करीब 20 साल की मेहनत और ₹3.5 लाख खर्च करने के बाद उन्होंने एक ऐसी लीची विकसित की है, जिसमें बीज नहीं हैं। डिक्सन ऑस्ट्रेलिया के उत्तरी क्वींसलैंड से दूर सरीना बीच में गुजर-बसर करते हैं। इसके लिए उन्होंने चीन में ऊपजे एक लीची के पौधे का इस्तेमाल किया। डिक्सन ने लीची की और भी कई किस्में विकसित की हैं। वह बीते कई दशकों से क्रॉस-पॉलिनेशन के जरिए इस तरह के प्रयोग करते आ रहे हैं।
अंग्रेजी वेबसाइट एबीसी से बात करते हुए डिक्सन ने बताया इस किस्म को विकसित करने की प्रक्रिया लंबी और थोड़ी मुश्किल थी। इस कारण लगा 20 साल का समय डिक्सन ने क्रॉस-पॉलिनेशन के जरिए यह किस्म पैदा की है। सबसे पहले जो लीची तैयार हुई उसमें बीज थे और काफी छोटे बीज थे। लिहाजा, उन्होंने कई बार इस प्रक्रिया को अपना और हर बार उस किस्म के फल लगने का इंतजार किया।
आखिरकार उन्हें सफलता मिली। बीज का आकार छोटा होता गया और अंत में बीज रहित लीची की किस्म तैयार हो गई। वे बताते है कि लीची का स्वाद थोड़ा अन्नानास की तरह हैं। डिक्सन कहते हैं कि कुछ वर्षों में इस किस्म के अधिक से अधिक पौधे तैयार करने हैं, ताकि इसे बाजार में बेचा जा सके। साथ ही यह भी सुनिश्चित करना है कि इस किस्म के हर पौधे में बड़े आकार की लीची के फल लगे और वह रसीली भी हो।