गेंद और बल्ले बीच होने वाली जंग को हम लोग क्रिकेट कहते है। 70 गज के घेरे में खेले जाने वाले इस खेल ने कई महान खिलाड़ियों को फर्श से उठाकर अर्श पर बैठाया है। इस खेल में कई आए दिन कई नए रिकॉर्ड्स बने है तो वहीं कई रिकॉर्ड्स टूटे भी हैं, लेकिन कई बार इस खेल में ऐसा भी कुछ हुआ है जहां आप ये बात कह सकते है कि 'हींग लगे ना फिटकरी फिर भी रंग चोखा होय' कई ऐसे खिलाड़ी भी हुए है जिन्होंने इस खेल में यह बात साबित की है कि क्रिकेट केवल गेंद और बल्ले का खेल नहीं, बल्कि इससे कहीं ऊपर है, तो आइए आपको बताते है ऐसे ही क्रांतिकारी के बारें में ...
ये कहानी है 'महान' फील्डर गस लोगी की जिन्होंने क्रिकेट के मैदान में न तो बल्लेबाजी की और न हीं गेंदबाजी लेकिन फिर भी उन्हें 'मैन ऑफ द मैच मिला', अब आपके मन में सवाल तो जरूर उठ रहा होगा कि भला किसी को ये बिना बैंटिग और बॉलिग के कैसे मिल सकता है? दरअसल क्रिकेट में बल्ले और बैट के अलावा एक तीसरा और सबसे अहम विभाग होता है फील्डिंग का, कई बार मैदान में जीत और हार उसकी फील्डिंग तय करती है।
क्रिकेट के इतिहास में जब कभी अच्छी फील्डिंग की बात होती है तो एक ही नाम और चेहरा सबके जहन में आता है 'गस लोगी' का, यूं तो गस लोगी ने अपने करियर 52 टेस्ट और 158 वनडे खेलकर महज 3 शतक और 30 अर्धशतक ही लगाए है, लेकिन फिर इस खिलाड़ी ने ऐसा कारनामा किया जिसने सारी दुनिया की सोच क्रिकेट को लेकर बदल दी है। ये बात है साल 28 अगस्त, 1986 की जब पाकिस्तान और वेस्टइंडीज के बीच मैच खेला जा रहा था। उस समय गस लोगी ने अपनी बेहतरीन फील्डिंग के दम पर 'मैन ऑफ द मैच जीता' का खिताब अपने नाम किया।
गस लोगी की वजह से यह मैच उस वक्त इतिहास के पन्नों में दर्ज हो गया। इस मैच में लोगी ने 3 बेहतरीन कैच लपके और 2 रन आउट किए। गस लोगी ने इस मुकाबले में सलीम यूसुफ, मुदस्सर नजर और इजाज अहमद जैसे बल्लेबाजों के जबर्दस्त कैच लपके और उसके साथ-साथ उन्होंने जावेद मियांदाद और आसिफ मुजतबा को रन आउट किया, कहने का मतलब ये है कि पाकिस्तान की आधी टीम अकेले गस लोगी की वजह पैवेलियन लौट गई थी।
इस मैच का नतीजा ये हुआ कि पाकिस्तान की टीम सिर्फ 143 रन ही बना पाई और वेस्टइंडीज ने ये मैच 9 विकेट के विशाल अंतर से जीता। इस मैच में गस लोगी को ना बल्लेबाजी का मौका मिल पाया ना उन्होंने गेंदबाजी की, बावजूद इसके वो मैन ऑफ द मैच बने सच में ये स्पेशल प्रदर्शन था।