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फिल्मों में एक्टिंग का मट्ठा फेरते हैं ये कलाकार, मलाई खा जाते हैं बड़े स्टार... कहने का मतलब है कि फिल्मों में अपने हुनर से धमाल मचाने वाले इन एक्टर्स ने कमाल का काम किया, लेकिन सफलता की मलाई इन्हें खाने को नहीं मिली। तारीफ तो मिली लेकिन उतनी नहीं। कहने का मतलब है कि ये कलाकार अपने अभिनय की दमदार छाप छोड़ने के बावजूद लाइम लाइट से कोसों दूर रह जाते हैं। इन्हें वैसी लाइम लाइट कभी नसीब नहीं हुई, जैसी खान तिकड़ी (शाहरुख, सलमान और आमिर) या दीपिका पादुकोण, कैटरीना कैफ और प्रियंका चोपड़ा आदि को मिली। फिरकी टीम ने ऐसे ही 10 बेहद हुनरमंद कलाकारों की फेहरिस्त तैयार की है। आप चाहें तो अपनी पसंद के कलाकारों का नाम हमारे कमेंट्स बॉक्स में सुझा सकते हैं।
अरशद वारसी फिल्म इंडस्ट्री के ऐसे एक्टर हैं जिन्होंने अपनी हर फिल्म में एक अलग छाप छोड़ी है और वाहवाही लूटी है। चाहे वो मुन्ना भाई एमबीबीएस का सर्किट हो या इश्किया का बब्बन हो या जॉली एलएलबी, फिल्में हिट हुईं तो कहीं न कहीं अरशद वारसी की दमदार भूमिका भी इसका कारण थी। लेकिन हिट होते हुए भी ये सितारा कहीं न कहीं गर्दिश में ही रहता है। जनाब आते हैं, धमाल मचाते हैं और फिर कहीं गायब हो जाते हैं। इनको वैसी लाइमलाइट नहीं मिली जितनी मिलनी चाहिए थी।
आर माधवन ने जितनी हिंदी फिल्मों में हाथ आजमाया है, उनमें सफलता हाथ लगी। रहना है तेरे दिल में, राम जी लंदन वाले, 3 इडियट्स जैसे फिल्मों के माधवन लोगों के दिल में उतर गए, लेकिन टैलेंटेड होते हुए भी जनाब बहुत जल्दी भुला दिए जाते हैं। इन्हें लाइमलाइट को मिलती है, लेकिन बहुत ही कम समय के लिए।
अदाकारी इनमें कूट कूटकर भरी है। इनकी खासियत ये हैं कि ये कैसा भी रोल कर सकती हैं। गैग्स ऑफ वासेपुर में अपनी उम्र से ज्यादा किरदार में ऐसे फिट बैठीं कि किसी दूसरी एक्ट्रेस की कल्पना आप उस जगह कर ही नहीं सकते। लेकिन इतनी प्रतिभा की धनी ये हीरोइन भी लाइमलाइट से अक्सर दूर रहती है।
केके मेनन की खास बात यह है कि ये बिना कुछ बोले ही बहुत कुछ बोल देते हैं। ये विलेन बनते हैं तो इन्हें चीखने-चिल्लाने की जरूरत नहीं पड़ती। अभिनय में के मामले में ये टॉप के कलाकारों में जगह बनाते हैं, लेकिन लाइमलाइट इन पर मेहरबान नहीं होती।
शायद की कोई रोल हो जिसको संजय मिश्रा न निभा पाएं। रोल में इनकी शिद्दत देखते बनती है। एकदम किरदार में उतर जाते हैं। फिल्म मशान के पंडित जी याद ही होंगे आपको। बनारस के एक बुजुर्ग पंडित जी के रोल में ऐसे रमे कि वहीं के लगे। लेकिन मिश्रा जी भी जिस लाइमलाइट के हकदार थे, वह इन्हें मिली नहीं।
फिल्म तनु वेड्स मनु का पप्पी तो याद ही होगा आपको। जी हां, वह दीपक डोबरियाल ही थे। इसके आगे इनके अभिनय की चर्चा खत्म हो जाती है। फिल्मों में ये हीरो पर भारी पड़ते नजर आते हैं, लेकिन असल जिंदगी में लाइम लाइट इनसे रूठी निकली।
काऊआ बिरयानी तो याद ही होगी आपको। फिल्म रन में अभिषेक बच्चन के दोस्त की भूमिका में जनाब ने कॉमेडी का ऐसा तड़का लगाया कि उसी के दम जितनी फिल्म चलनी थी, चल गई। विजय राज की अदा ही निराली है। अपनी हर फिल्म में ये स्पेशल वाहवाही लूटते हैं, लेकिन लाइम लाइट में ये नहीं आते।
कुछ ऐसा ही हाल जिमी शेरगिल का है। बंदा लुक्स, स्टाइल और अदाकारी में बंदा किसी भी बड़े एक्टर से कम नहीं है, लेकिन किस्मत शायद इनसे रूठी है। फिल्म तनु वेड्स मनु में ये कंगना और माधवन भारी पड़ते नजर आए थे। मुन्ना भाई एमबीबीएस में अपनी छोटे से किरदार में महाशय पब्लिक को इमोशनल कर गए थे। हर फिल्म में जनाब एक अलग छाप छोड़ जाते हैं, लेकिन लाइम लाइट इनसे दूर ही भागती रही।
स्वरा भास्कर बी-टाउन की टैलेंटेड अभिनेत्रियों में से एक हैं। फिल्म अनार कली ऑफ आरा में इन्होंने अपनी भूमिका से तहलका मचा दिया। लेकिन मैडम से भी लाइम लाइट रूठी हुई लगती हैं।
राधिका आप्टे साधारण अभिनेत्रियों से जरा हटके हैं। फिल्म निर्माताओं की कल्पना में जितने किरदार आ सकते हैं, ये वो हर एक किरदार निभा सकती हैं। इन्हें न्यूड सीन देने में भी परहेज नहीं। फिल्म पार्च्ड तो देखी ही होगी आपने। लेकिन लाइमलाइट इन पर भी मेहरबान नहीं होती। ये आती हैं और चली जाती हैं।