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फिल्म इंडस्ट्री में अक्षय कुमार ने जब कदम रखा तो वो खतरों के खिलाड़ी के नाम से जाने गए। मार्शल आर्ट को इंट्रोड्यूस किया और खुद को एक सीरियस अभिनेता के तौर पर स्थापित करने में काफी हद तक कामयाबी भी हासिल की। इसके बाद अक्षय, कॉमेडी के कॉलम में आए। यहां शुरुआत तो अच्छी हुई लेकिन लगातार बढ़ती फिल्मों की गिनतियों ने अक्षय की कॉमेडी में बेरुखी का डोज भर दिया।
कॉमेडी से कूद कर अक्षय ने सीरियस सिनेमा की ओर रुख किया। सीरियस सिनेमा के लिए उन्होंने देशभक्ति के टॉपिक को चुना। अब उनकी आखिरी की कुछ फिल्में देखिए, वहां आपको उनकी हर फिल्म में देशभक्ति का स्वाद आ जाएगा। कह सकते हैं कि रुस्तम, एयरलिफ्ट जैसी फिल्मों ने अक्षय को एक दिशा दी।
तो अब वो इस दिशा में तेजी से दौड़ पड़े हैं। अक्षय का अगला फिल्मी स्टॉपेज ‘टॉयलेट एक प्रेम कथा’ है जोकि स्वच्छता मिशन पर आधारित है। इसके बाद वो पेडमैन की तैयारी कर रहे हैं जहां वो महिलाओं के सैनेटरी नैपकीन के मुद्दों को एक आवाज देंगे। इसी कड़ी में अक्षय की एक और फिल्म की खनक सुनाई दी है। कहा जा रहा है कि अब वो प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी पर बन रही फिल्म में मुख्य किरदार निभाएंगे।
इस बारे में कोई आधिकारिक ऐलान तो नहीं हुआ है लेकिन इसकी सुगबुगाहट को जन्म दिया सेंसर बोर्ड के चेयरपर्सन पहलाज निहलानी ने। निहलानी ने कहा कि अक्षय से बेहतर कोई भी पीएम मोदी का किरदार नहीं निभा सकता। टॉयलेट एक प्रेम कथा और पैडमैन जैसी फिल्मों का जिक्र करके काफी हद तक ये भी साफ कर दिया कि क्यों अक्षय पीएम मोदी के किरदार के लिए बेस्ट ऑप्शन हैं। शत्रुघ्न सिन्हा भी मानते हैं कि मोदी के किरदार को सिर्फ अक्षय ही न्याय दिला सकते हैं।
दरअसल अक्षय पर दो तरह की देशभक्ति का आरोप लगने लगा है। एक देशभक्ति वो फिल्मों के विषयों को चुनने में दिखा रहे हैं और दूसरी देशभक्ति का आरोप अक्की के दामन पर सोशल मीडिया के दलदल से उछल कर लगा है। जहां उन्हें मोदी सरकार का तोता तक कहा गया। अक्षय के ही करीबी अनुपम खेर एक फिल्म में मनमोहन सिंह का किरदार निभाते दिखाई देंगे, वो भी अक्षय की तरह सरकार के पसंदीदा कहलाते हैं। फिलहाल आधिकारिक ऐलान तो नहीं हुआ है लेकिन इस सुगबुगाहट के बाद अक्षय को पीएम मोदी के अवतार में देखने की इच्छा फैंस में हिलोरे जरूर मारने लगी है।