विस्तार
कुछ वक्त पहले अभय देओल ने उन सभी सितारों के खिलाफ ट्वीट किया था जिन्होंने फेयरनेस क्रीम के विज्ञापन किए हैं। उन्होंने एक के बाद एक कई ट्वीट किए जहां खुलकर इन सेलेब्स का विरोध किया गया था। रंग-भेद एक ऐसा मुद्दा है जिसके खिलाफ सबको आवाज उठाने की जरुरत है और विशेषकर इन हस्तियों को क्योंकि समाज का एक बड़ा तबका इन्हें फॉलो करता है। ऐसे में कई ऐसे सेलेब्स हैं जिन्होंने करोड़ो रुपयों की डील को ठुकरा कर इन विज्ञापनों को करने से मना कर दिया।
सन 2011 में रणबीर ने एक ऐसी ही क्रीम की कंपनी से जुड़ने से इनकार कर दिया। रणबीर का कहना है कि, ये फेयरनेस क्रीम समाज में सबसे ज्यादा रंग-भेद को फैलाती हैं।
बोल्ड और खुले मिजाज वाली कंगना ने भी एक ऐसे ही डील ठुकरा दी जहां उन्हें 2 करोड़ रुपए देने की पेशकश की गई थी। कंगना का कहना है कि, जब से वो बच्ची थीं तभी से उन्हें इन क्रीम का कांसेप्ट समझ नहीं आया। और अब एक एक्टर होने के बाद यंग जनरेशन के लिए गलत उदाहरण नहीं प्रस्तुत करना चाहती। मुझे इस ऑफर को ठुकराने का कोई अफसोस नहीं है, एक सेलेब होने के नाते मेरी समाज के लिए कुछ जिम्मेदारी बनती हैं।
स्वरा को 2015 में ऐसा एक ऑफर मिला था। स्वरा ने यह कहते हुए डील ठुकरा दी कि, गोरी रंगत के फितूर को खत्म करना बेहद जरूरी है। यह बेहद निराशाजनक बात है कि, हम त्वचा के रंग को नेगेटिव और पॉजिटिव पैमाने दे देते हैं। ये रंग भेद का एक बीज है और इससे आत्म-विश्वास की भी कमी होती है। स्वरा ने आगे कहा कि, हमारा रंग जो भी हो हमें खुद से प्यार करना चाहिए और कभी खुद को नहीं बदलना चाहिए।
रणदीप हुडा का नाम भी उन्हीं सितारों में शुमार है जिन्होंने ऐसा विज्ञापन करने से मना कर दिया। रणदीप का कहना है कि अगर किसी की सुन्दरता का पैमाना उसके चेहरे के कलर से जुड़ा हुआ है तो यह विचारधारा भेद-भाव वाली है। रणदीप ने एक बड़ी रकम को इसके लिए ठुकरा दिया।
अंतर्राष्ट्रीय महिला दिवस के अवसर पर कल्कि ने इन फेयरनेस प्रोडक्ट पर अपनी राय व्यक्त करते हुए कहा कि,"मुझे नहीं लगता कि गोरा होने में कुछ गलत है लेकिन यह एक फितूर बन चुका है कि सुन्दरता का मतलब स्किन का गोरा होना है। जबकि गहरा रंगत वाले भी कई खूबसूरत लोग यहां हैं। मैं एक ऐसी क्रीम का प्रयोग करना चाहूंगी जो मेरी स्किन को डार्क कर सके। मैं झुर्रियों की क्रीम का विज्ञापन करती हूं क्योंकि मुझे लगता है कि, हमें अपनी स्किन की देखभाल करनी चाहिए। लेकिन मैं इस मुद्दे पर साफ हूं कि मुझे फेयरनेस क्रीम का विज्ञापन नहीं करना है।"
हाल ही में सुशांत सिंह राजपूत ने 15 करोड़ के एक ऐसे विज्ञापन की डील ठुकरा दी जहां उन्हें रंगत-निखारने का विज्ञापन करना था। सुशांत का कहना है कि, ये एक एक्टर की ड्यूटी है कि वह समाज में कोई गलत प्रचार न करे। इसी में आगे उन्होंने कहा कि, वह ऐसी किसी विचारधारा का समर्थन नहीं करते जहां स्किन के किसी एक रंग को दूसरे से बेहतर बताया जाए।