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पुरानी फिल्मों में सबसे ज्यादा मजा उनके डायलॉग्स सुनने में आता था, क्योंकि वो होते ही इतने मजेदार थे। और कई ऐसे डायलॉग्स होते थे जो हर पुरानी बॉलीवुड फिल्मों में जरूर सुनने को मिलते थे।लेकिन अब जमाना अलग है और वो सदाबहार डायलॉग्स सुनने को नहीं मिलते हैं।
कुछ एक्टर तो अपने यादगार डायलॉग्स देकर बॉलीवुड के इतिहास में सदा के लिए लिए अमर हो गए। गुजरे जमाने के एक्टर अपने सुपरहिट डायलॉग से ही पहचाने जाते थे। जैसे अमिताभ बच्चन का एक बहुत फेमस डायलॉग है 'हम जहां से खड़े होते हैं लाइन वहीं से स्टार्ट होती है' ऐसे कई डायलॉग्स हैं जो पहले की हर तीसरी फिल्मों में जरूर सुनने को मिलते थे।
तो चलते हैं अतीत में और देखते हैं कि कौन-कौन से डायलॉग्स, पुरानी फिल्मों के साथ पुराने हो गए और आजकल की फिल्मों से गायब हो गए..
दूल्हा, दुल्हन के गले में वरमाला डालने को तैयार है और तभी दुल्हन का आशिक आ कर कहता है कि ये शादी नहीं हो सकती। इस डायलॉग के बाद आप को पता रहता था कि बेटा अब कोई ड्रामा होने वाला है।
स डायलॉग के बाद मुजरिम को पता रहता था कि बेटा अब पुलिस से बचना मुश्किल है। फिर भी मुजरिम बचकर निकल जाता था।
हीरो और हीरोइन के बीच रोमांस के वक्त हीरोइन ये लाइन जरूर बोलती थी।
अगर किसी की मर्दानगी को ललकारना होता था तो इस डायलॉग का इस्तेमाल किया जाता था। इसके बाद हीरो हो या विलेन, उसे मैदान में आना ही पड़ता था।
पुरानी फिल्मों का सबसे फेमस डायलॉग!
पुरानी फिल्मों में रजिया गुंडों में फंसती थी, तो ये लाइन जरूर बोलती थी।
पहले की फिल्मों में कोई न कोई दानवीर कर्ण होता था जो जरूरतमंद की मदद कर देता था और फिर सनसनी को चीरते हुए डायलॉग आता था कि 'मैं ये एहसान जिंदगी भर नहीं भूलूंगा' या भूलूंगी।
पुरानी फिल्मों में पुलिस का काम समझ नहीं आता था। जब देखो तब पीछे ही रहती थी और तब तक मुजरिम नया प्लान बना कर कल्टी हो जाता था।
जब कोई पुलिस एक गुंडे को समझाता था तो इस डायलॉग का भरपूर यूज किया जाता था।
भगवान तक सिफ़ारिश पहुंचाने के लिए पुरानी फिल्मों में हीरो मंदिर की घंटियां बजाता और फिर ये बोल कर ऊपरवाले से अपनी बात मनवा लेता कि 'मैंने आज तक कुछ नहीं मांगा'।
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